September 22, 2024

बिहार विधानसभा चुनाव : पहले चरण की 71 सीटों पर आज थम जाएगा प्रचार, क्या कहते हैं चुनावी गणित

कोरोना संकट के बीच बिहार में विधानसभा चुनाव के तहत 28 अक्टूबर को पहले चरण की वोटिंग होनी है। लिहाजा राज्य के 16 जिलों के 71 सीटों पर आज शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम जाएगा। पहले चरण के तरह चुनाव प्रचार के आखिरी दिन तमाम पार्टियों के दिग्गज वोटरों को रिझाने का हर मुमकिन कोशिश करेंगे। पहले चरण में भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, पटना, भोजपुर, बक्सर, कैमूर, रोहतास, अरवल, औरंगाबाद, गया, नवादा, जमुई और जहानाबाद जिले में वोटिंग होनी है।

पहले चरण में कुल 1066 प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें 952 पुरुष और 114 महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। कटोरिया में सबसे कम पांच प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं तो गया टाउन चुनाव क्षेत्र से सबसे अधिक 27 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।  पहले फेज में दो करोड़ 14 लाख छह हजार 96 मतदाता करेंगे। 

कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार एवं शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा समेत राज्य सरकार के आठ मंत्रियों की परीक्षा होनी है। सबसे दिलचस्प मुकाबला इमामगंज सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी के बीच होना है। मांझी अपनी पार्टी हिदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) और चौधरी राजद के टिकट पर मैदान में हैं। बाहुबली नेता एवं मोकामा से राजद प्रत्याशी अनंत सिंह, एलजेपी से इस्तीफा देकर तरारी सीट से निर्दलीय लड़ रहे सुनील पांडेय का दम भी देखा जाएगा।

पहले चरण में जिन अन्य मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है, उनमें शैलेश कुमार, जय कुमार सिंह, संतोष कुमार निराला, रामनारायण मंडल, विजय कुमार सिन्हा एवं बृजकिशोर बिंद हैं। इस चरण में 375 प्रत्याशी करोड़पति हैं। यानी प्रत्येक तीसरा प्रत्याशी करोड़पति है। इनमें सबसे ज्यादा 41 में से 39 प्रत्याशी राजद के हैं। अनंत सिंह सबसे अमीर हैं। उनके पास 68 करोड़ से अधिक की संपत्ति है।

गौरतलब है कि इस बार भी मुख्य मुकाबला एनडीए और यूपीए गठबंधन के बीच देखा जा रहा है। हालांकि कुछ दल इधर-उधर हुए हैं। इस बार लोकजनशक्ति पार्टी एनडीए का हिस्सा नहीं है। जेडीयू और बीजेपी , छोटे सहयोगी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरी तरह मुख्य मुकाबले में लालू यादव की पार्टी आरजेडी है तो कांग्रेस उसकी जूनियर पार्टनर की भूमिका में है।

क्या कहता है 2015 का रिजल्ट

बिहार में साल 2015 में आरजेडी , जेडीयू और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था, जिसके कारण बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को हार का सामना करना पड़ा था। 2015 के विधासभा चुनाव में  आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस महागठबंधन ने 178 सीटों पर बंपर जीत हासिल की थी। आरजेडी को 80, जेडीयू को 71 और कांग्रेस को 27 सीटें मिलीं थीं। जबकि एनडीए को 58 सीटें मिली थी। हालांकि लालू यादव की पार्टी राजद के साथ खटपट होने के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ सरकार चलाना शुरू किया। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार एनडीए का चेहरा हैं।


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