September 22, 2024

दिल्ली चुनाव नतीजों के बीच बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को जारी किया व्हिप, हो सकता है बड़ा ऐलान

भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों को मंगलवार को सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। इसके लिए पार्टी ने तीन लाइन का व्हिप भी जारी किया है। इसके मुताबिक राज्यसभा और लोकसभा में सभी भाजपा सदस्यों को मंगलवार को मौजूद रहते हुए सरकार के पक्ष में समर्थन दिखाना है। ऐसे में उत्सुकता बढ़ रही है कि आखिर सरकार संसद में क्या करवाने जा रही है, जिसकी वजह से व्हिप जारी कर सासंदों की उपस्थिति सुनिश्चित की गई है। इसी बीच वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आम बजट पर जवाब भी दिया जाना है।

हालांकि अटकलें तेज है कि बीजेपी राज्यसभा में कोई विधेयक पेश कर सकती है। ऐसा इसलिए कि आज बजट सत्र का आखिरी दिन होने के साथ-साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव की नतीजे सामने आ रहे हैं।

सभी सांसदों को जारी किए गए व्हिप में क्या लिखा गया

सोमवार को भाजपा द्वारा जारी किए गए सभी सांसदों को जारी किए गए व्हिप में लिखा है कि राज्यसभा के सभी भाजपा सांसदों को यह सूचित किया गया है कि सदन में मंगलवार को कुछ महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे। इसलिए 11 फरवरी 2020 को चर्चा और पारित कराने के लिए उपस्थित रहें।

आम बजट पर जवाब देंगी वित्तमंत्री

माना जा रहा है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा में आम बजट पर जवाब देंगी। वित्तमंत्री ने एक फरवरी को बजट पेश किया था। लेकिन पार्टी के व्हिप जारी करने के बाद सोशल मीडिया पर समान नागरिक संहिता विधेयक (कॉमन सिविल कोड बिल) ट्रेंड होने लगा। सोशल मीडिया पर इस विधेयक को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। इसके साथ ही दिल्ली के विधानसभा चुनाव परिणामों की चर्चा भी जारी है।

लंबे बजट भाषण के लिए निर्मला सीतारमण ने मांगी थी माफी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने लंबे बजट (बजट 2020) भाषण के लिए माफी मांगी थी। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले संसद में उनका दो घंटे से अधिक समय का बजट भाषण जरूरी था क्योंकि अर्थव्यवस्था के प्रत्येक पहलू को तवज्जो दी जानी थी। उन्होंने कहा कि यदि इससे लोगों को असुविधा हुई तो में इसके लिए खेद व्यक्त करती हुं।

आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संसद में संग्राम

सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने भारी हंगामा किया। इस फैसले के संदर्भ में विपक्ष ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए तो सरकार के सहयोगी दलों ने पूरे मामले में सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए सुपीम कोर्ट के फैसले की तीखी आलोचना की।

विपक्ष के भारी हंगामे के बीच सरकार ने इस मामले में उच्च स्तरीय चर्चा जारी रहने का हवाला देते हुए कहा कि इससे जुड़े केस में केंद्र सरकार पार्टी नहीं थी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड से जुड़े एक मामले में फैसला देते हुए कहा था कि प्रमोशन में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है।


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