September 22, 2024

अरुणाचल प्रदेश के म‍िराम टैरॉन को चीनी सैनिक ने अगवा कर किया प्रताड़ित! सांसद तापिर गाओ ने कहा- यह एक गंभीर मामला, सरकार उठाए कदम

चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा कथित तौर पर अगवा किए गए अरुणाचल प्रदेश के किशोर म‍िराम टैरॉन (17) के जिदो गांव में अपने परिवार के साथ फिर से मिलने के एक दिन बाद उसके परिजनों ने आरोप लगाया कि उसे कैद में प्रताड़ित किया गया था. वहींं इस मामले को लेकर अब अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तापिर गाओ ने कहा कि ‘मुझे खबर मिली है कि मिराम टैरॉन (जिन्हें पीएलए ने 27 जनवरी को उनके लापता होने के बाद भारत को सौंप दिया था) को पीएलए ने पीटा और बिजली के झटके दिए. यह एक गंभीर मामला है. मैं सरकार से इस मुद्दे को संबंधित अधिकारियों के सामने उठाने का आग्रह करता हूं’. 

टैरॉन 18 जनवरी को लापता हो गया था. जबकि चीन ने शुरू में उसके कथित अपहरण की खबरों का खंडन किया था. चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पुष्टि की कि एक लापता लड़का सीमा के किनारे पाया गया था. 20 जनवरी को चीनी पक्ष ने लापता अरुणाचली युवाओं की पहचान स्थापित करने के लिए भारतीय पक्ष से विवरण भी मांगा. इसके बाद भारतीय सेना ने उनकी पहचान की पुष्टि करने के लिए मिराम टैरॉन के व्यक्तिगत विवरण साझा किया. लापता लड़के के संबंध में भारतीय और चीनी सेनाओं ने हॉटलाइन चर्चा की थी और उसके प्रत्यावर्तन के लिए समय और स्थान को अंतिम रूप देने का फैसला किया.

19 जनवरी को भारतीय सेना ने चीनी पक्ष से किया संपर्क

वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास टैरोन के लापता होने के बाद भारतीय सेना ने 19 जनवरी को तुरंत चीनी पक्ष से संपर्क किया था. भारतीय पक्ष ने व्यक्ति का पता लगाने और उसकी वापसी में पीएलए से मदद मांगी थी. दोनों देशों के बीच एक हफ्ते से अधिक समय तक चली उच्च स्तरीय कूटनीतिक वार्ता के बाद, मिराम को 27 जनवरी को अंजाव जिले के किबिथू सेक्टर में वाचा-दमाई इंटरेक्शन पॉइंट पर भारतीय सेना को सौंप दिया गया था.  वहीं किशोर म‍िराम टैरॉन (17) के जिदो गांव में अपने परिवार के साथ फिर से मिलने के एक दिन बाद उसके परिजनों ने भी आरोप लगाया कि उसे कैद में प्रताड़ित किया गया था. मिराम के पिता ओपंग टैरॉन ने कहा कि ‘मेरे बेटे को चीनी सैनिकों ने कई बार पैरों से मारा. उन्होंने उसे दो बार बिजली का झटका भी दिया’.

जड़ी-बूटियों को इकट्ठा करना स्थानीय जनजातियों की परंपरा

मिराम वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास लुंगटा जोर इलाके के करीब एक शिकार दल का हिस्सा था. उसको कथित तौर पर भारतीय क्षेत्र के भीतर पीएलए द्वारा अपहरण कर लिया गया था. उत्तर-पूर्वी राज्य में स्थानीय जनजातियों के बीच जड़ी-बूटियों को इकट्ठा करना और जंगल में कभी-कभी शिकार करना आम परंपरा है.


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