बिहार: जातीय जनगणना पर सर्वदलीय बैठक में शामिल होगी बीजेपी, जानें कैसे बनी बात
जातिगत जनगणना को लेकर बिहार में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। बीजेपी और जेडीयू इस मुद्दे पर आमने-सामने थे। लेकिन अब बात बनती दिख रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक जून को जातिगत जनगणना पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में अब बीजेपी भी शामिल होगी। भारतीय जनता पार्टी बैठक में भाग लेगी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य स्तरीय जाति जनगणना के तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए 1 जून को बुलाई है।
इससे पहले नीतीश कुमार के जनता दल (यूनाइटेड) या जेडीयू (यू) के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने जाति जनगणना में देरी के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, जिनका हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) भी एनडीए का हिस्सा है, ने भी इस मामले में बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है।
राजद और जदयू सालों से जाति जनगणना की अपनी मांग को लेकर मुखर रहे हैं। केंद्र में पिछली कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने 2010 में राष्ट्रीय स्तर पर जाति जनगणना की मांग पर सहमति जताई थी, लेकिन पिछले दशक के दौरान एकत्र किए गए आंकड़ों को कभी संसाधित नहीं किया गया था।
राजद और जदयू सालों से जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के साथ दोनों दलों ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए को 2010 में राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना की मांग पर सहमत होने के लिए मजबूर किया था। हालांकि डेटा अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया।