September 22, 2024

ग्राउंड रिपोर्ट-यूपी चुनाव : भाजपा को धौलाना सीट पर करनी होगी कड़ी मस्क़त

विकास शिशौदिया

 

उत्तर प्रदेश में होने वाले आम चुनाव की हलचल तेज हो चुकी है सभी योद्धा अपने अपने हिसाब से किलेबंदी में लग गए है  ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोई भी ऐसा जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, जिसका विपक्षी दल आराम से फायदा उठा सकें। इसलिए किसानों से भावनात्मक संबधों को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ आगामी 22 सितंबर को हापुड़ के साठा चौरासी (धौलाना विधानसभा ) से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों की नाराजगी दूर करने का प्रयास करेंगे। चर्चा हैं, कि मुख्यमंत्री हापुड़ के साठा चौरासी कहे जाने वाली धौलाना की धरती से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को कई सौगात दे सकते हैं। किसानों की नाराजगी से भयभीत सरकार गन्ना मूल्य बढ़ाने, शुगर मिलों से किसानों का बकाया भुगतान कराने, किसानों के नलकूप के बिजली दरों को कम करने पर फैसला ले सकती हैं। इसके अलावा लंबे समय से जिले की सीमा विस्तार की मांग चल रही थी। मुख्यमंत्री के दौरे से जिले की सीमा विस्तार होने की भी चर्चा की जा रही हैं। जिसमें गुलावठी, मेरठ और बुलंदशहर की स्याना तहसील के गांवों को शामिल कर अलग तहसील बनाई जा सकती हैं।

एक जमाना था जब धौलाना विधानसभा मोदीनगर तक हुआ करती थी और हर बार इस सीट पर भाजपा का कब्जा हुआ करता था। स्व. नरेंद्र सिंह शिशौदिया लगातार भाजपा के टिकट पर कई बार विधायक निर्वाचित हुए। वर्ष 2012 में धौलाना विधानसभा से मोदीनगर अलग होकर नई विधानसभा बन गई और यहीं से भाजपा की हार शुरू हुई। वर्ष 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ते हुए धर्मेश तोमर ने जीत हासिल की। भाजपा प्रत्याशी वाइपी सिंह तीसरे नंबर पर रहे। वर्ष 2017 के चुनाव में भी भाजपा प्रत्याशी रमेश चंद तोमर पराजित हुए। बसपा से असलम चौधरी ने जीत हासिल की। अब वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू हो चुकी है। भाजपा पार्टी सूत्रों की मानें तो प्रदेश की चार ऐसी विधानसभा सीट निकाली गईं, जिन पर जीत के लिए कड़ा संघर्ष करने की जरूरत है। उन चार विधानसभा में धौलाना भी शामिल हैं।

भाजपा के राजपूत बाहुल्य क्षेत्र साठा चौरासी की धौलाना सीट पर हार का कारण कही ने कही भाजपा का इस क्षेत्र के लोगों को नजरअंदाज करना भी है एक समय था जब यहाँ के ठाकुर आंख बंद कर भाजपा पर भरोसा कर सकते थे लेकिन भाजपा साठा चौरासी के लोगो की उम्मीद पर खरी नहीं उतरी। साढ़े चार साल के भाजपा के शासन के बाद भी धौलाना विधान सभा के लोग उन्हीं समस्यो से जूझ रहे है जो अब से १० साल पहले थी यदि हम धौलाना विधान सभा की बात करे तो धौलाना विधानसभा में  – 120 गांव , 1 नगर पंचायत –  डासना , 1 नगर पालिका –  पिलखुवा है।  यहाँ कुल मतदाता 3.50 लाख है

जिसमें मतदाताओं की संख्या निम्नलिखित है –

जाति         मतदाता

मुस्लिम-      1.25 लाख

ठाकुर-        1.00 लाख

दलित-        45 हजार

ब्राह्मण-       20 हजार

यादव-         8 हजार

जाट-          7 हजार

अन्य-        43 हजार

धौलाना विधान सभा के लोगो के मुख्य व्यवसाय की बात करे तो यहाँ के लोग मुख्य रूप से किसान है और इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या भी कृषि से ही जुड़ी हुई है । धौलाना क्षेत्र में रिलायंस पावर प्लांट के लिए 2004 में अधिग्रहित की गई थी जिसका विरोध यहाँ के किसानों ने किया था। यहाँ के किसान के विरोध के बाद रिलायंस पावर ने यहाँ प्लांट लगाने  से अपने पैर पीछे खीच लिए और कोर्ट द्वारा भी किसानों को उनकी जमींन वापस करने का आदेश दिया गया लेकिन  किसान आज भी अपनी जमींन के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे है और समाधान के नाम पर केवल आश्वासन मिल रहा है।

मसूरी से धौलाना से गुलावठी रोड के निर्माण को लेकर भी यहाँ की जनता लगातार नेताओं के पास चक्कर लगाती रही है जिसका सामधान आज तक नहीं हो पाया है और यहाँ की जनता गढ़ो भरी सड़कों पर चलने को मजबूर है इस रोड पर लगातार हादसों की संख्या लगतार बढ़ती जा रही है और न ही यहाँ आज तक लोगों के लिए सार्वजनिक परिवहन की कोई व्यवस्था बन पायी है। जिसके कारण क्षेत्र के कुछ गांवों का तो ऐसा हाल है कि आज भी ५० साल पीछे हो।

इलाके के लोगों को विकास की एक उम्मीद तब जागी जब सरकार ने बोडाकी रेलवे स्टेशन ( दादरी के पास) से एक बहुत बड़ी सड़क खटाना जारचा होते हुए नारायनपुर व सिवाया गाँव के बीच से होती हुई हापुड़ बाईपास पर मिलनी थी, क्योंकि बोडाकी में बहुत बड़ा ड्राई पोर्ट और फ्रेट कॉरिडोर जनकसन बन रहा है,इस से भी क्षेत्र के विकास को गति मिलती, लेकिन जारचा गांव तक ही जमीन का अधिग्रहण कर के छोड़ दिया गया।

सन 2008, व 2009 में मायावती की सरकार ने धौलाना विधानसभा क्षेत्र को विकास की धारा में शामिल कर दिया था, ग्रेटर नोएडा फेस – २ के नाम से एक नोटिफिकेशन भी हुआ और पूरे क्षेत्र में ग्रेटर नोएडा फेस-२ के बोर्ड भी लगा दिए गए थे। क्षेत्रवासियों को लगा कि अब विकास होगा,। समाजवादी पार्टी की सरकार आते ही ये ऐलान भी कहीं फ़ाइलो के ढेर में दब कर रह गया । एक बार फिर सरकार बदली और यहाँ के लोगों को लगा शायद भाजपा सरकार उनकी और धौलाना विधानसभा की समस्या का समाधान करेंगी लेकिन विकास तो दूर सरकार ने यहाँ के लोगों की आवाज़ तक सुनने की जहमत नहीं उठाई। आज  ग्रेटर नोएडा बुलन्दशहर को छूता हुआ अलीगढ़ तक जा पहुंचा है लेकिन नोएडा व ग्रेटर नोएडा से मात्र 5 से 10 किलोमीटर दूर धौलाना विधान सभा आज भी अछूता है।

उम्मीद करते है योगी धौलाना आ रहे है वे यहाँ की जनता के समस्यों पर गौर करेंगे और भाजपा के नेता धौलाना के लोगों के दर्द को समझेंगे और आपस की गुट बजी को साइड में ऱखकर योगी को इस इलाके के लोगो की समस्याओं से अवगत कराएं और खो चुके अपने गढ़ को पाने के रास्ते पर आगे बढे।


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