September 22, 2024

सुप्रीम कोर्ट ने कक्षा 10, 12 के लिए ऑफ़लाइन बोर्ड परीक्षा रद्द करने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 23 फरवरी को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई), सीआईएससीई और अन्य केंद्रीय और राज्य बोर्डों द्वारा आयोजित कक्षा 10 और कक्षा 12 के लिए ऑफ़लाइन परीक्षाओं को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इस तरह की याचिकाएं भ्रामक हैं और छात्रों को झूठी उम्मीद देती हैं।

जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि आपकी याचिका पर विचार करने का मतलब है कि और ज्यादा कन्फ्यूजन करना। पहले ही आपने जनहित याचिका के नाम पर ये अर्जी दाखिल कर छात्रों और अभिभावकों के बीच बहुत कन्फ्यूजन किया हुआ है। कोर्ट ने कहा कि आपको जो कहना है ऑथोरिटी को जाकर बताएं।

कोर्ट ने कहा, “पिछले चार दिनों से आप ऐसी जनहित याचिका के जरिए न केवल कन्फ्यूजन बढ़ा रहे हैं, बल्कि छात्रों में झूठी उम्मीदें बढ़ा रहे हैं। ये गैरजिम्मेदाराना ढंग से जनहित याचिका का दुरुपयोग है. लोग भी कैसी कैसी याचिका दाखिल कर देते हैं।”

याचिकाकर्ता ने कहा कि आपने पिछले साल भी ऐसी याचिका पर विचार किया गया था। हालात कमोबेश वैसे ही हैं। ऑनलाइन क्लासेज चली हैं, कोर्स पूरा नहीं हुआ, छात्रों को स्कूल में रेगुलर पढ़ाई करने का मौका नहीं मिला है। कोर्ट ने कहा कि बोर्ड और परीक्षा से जुड़ी ऑथोरिटिज को भी सब पता है। हमारे दखल देने का कोई मतलब नहीं है। ये याचिका कतई उचित नहीं है। आप ऐसी याचिका दायर करने से बाज आएं। हम तो आप पर आर्थिक दंड भी लगाना चाहते हैं, लेकिन अभी हम सिर्फ इसे खारिज कर रहे हैं।

सीबीएसई बल्कि बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग बल्कि अन्य बोर्ड जैसे इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ICSE, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) और अन्य राज्य बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करने के लिए भी मांग की गई थी। 15 से अधिक राज्यों के छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर कर कक्षा 10, 12 की बोर्ड परीक्षा 2022 के लिए वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति की मांग की थी।


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