September 22, 2024

लखनऊ में बैठक से पहले बीएसपी ने इस फैसले के जरिए दिया बड़ा संदेश, यूपी में अब बढ़ेगी सपा की मुसीबत

उत्तर प्रदेश में इस साल के अंत में नगर निकाय के चुनाव होने हैं. बहुजन समाज पार्टी इस नगर निकाय चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुट गई है. एक तरफ बीएसपी सुप्रीमो मायावती  जहां संगठन में फेरबदल कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ उनकी कोशिश है कि मुस्लिम समाज को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपने साथ जोड़ा जाए. इमरान मसूद की बसपा में एंट्री के पीछे यही सबसे बड़ी वजह भी मानी जा रही है.

वहीं अब 22 नवंबर को बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में पार्टी के पदाधिकारियों की बड़ी बैठक बुलाई है. जिसमें 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले निकाय चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी. बहुजन समाज पार्टी खासतौर पर मुस्लिम समाज पर फोकस कर रही है. यही वजह है कि पार्टी जॉइन करते ही इमरान मसूद को कोऑर्डिनेटर बना दिया गया. इसके जरिये भी यही संदेश दिया जा रहा है कि यूपी में मुस्लिम समाज का अगर कोई सबसे बड़ा हितैषी है तो वह बसपा है, सपा नहीं. जाहिर है इसके जरिए बीएसपी की समाजवादी पार्टी के मुस्लिम वोटबैंक में सेंधमारी करने की तैयारी कर रही होगी.

पश्चिम में मिलेगी कड़ी टक्कर

वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो इमरान मसूद के बीएसपी के बाद अब वे जयंत चौधरी को भी पश्चिमी यूपी में सीधे तौर पर चुनौती मिलेगी. अभी तक जयंत के खिलाफ पश्चिम में बसपा के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं दिख रहा था. वहीं दूसरी ओर बीएसपी में आते ही मायावती ने पश्चिमी यूपी में इमरान को बड़ी जिम्मेदारी दे दी.

इस दौरान मायावती ने कहा, “उत्तर प्रदेश व खासकर पश्चिमी यूपी की राजनीति में इमरान मसूद एक जाना-पहचाना नाम है, जिन्होंने आज अपने करीबी सहयोगियों के साथ मुझसे मुलाकात की और वे समाजवादी पार्टी छोड़कर, अच्छी नीयत व पूरी दमदारी से काम करने के वादे के साथ, बीएसपी में शामिल हो गए, जिसका तहेदिल से स्वागत.”


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