पीएम मोदी के बयान पर मायावती बोलीं- ‘यह कड़वी जमीनी हकीकत, जीवन सुधार की जरूरत’

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पीएम नरेंद्र मोदी बीते दिनों भोपाल के दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड और पसमांदा मुसलमानों को लेकर बयान दिया है. पीएम मोदी के इस बयान के बाद से दोनों ही मुद्दों पर सियासी बयानबाजी तेज हो चुकी है. अब इसपर बीएसपी प्रमुख मायावती ने प्रतिक्रिया दी है.

बीएसपी चीफ ने ट्वीट कर लिखा, “पीएम श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भोपाल में बीजेपी के कार्यक्रम में सार्वजनिक तौर पर यह कहना कि भारत में रहने वाले 80 प्रतिशत मुसलमान ’पसमांदा, पिछड़े, शोषित’ हैं, यह उस कड़वी जमीनी हकीकत को स्वीकार करना है जिससे उन मुस्लिमों के जीवन सुधार हेतु आरक्षण की जरूरत को समर्थन मिलता है.”

मायावती ने आगे कहा, “अतः अब ऐसे हालात में बीजेपी को पिछड़े मुस्लिमों को आरक्षण मिलने का विरोध भी बंद कर देने के साथ ही इनकी सभी सरकारों को भी अपने यहाँ आरक्षण को ईमानदारी से लागू करके तथा बैकलॉग की भर्ती को पूरी करके यह साबित करना चाहिए कि वे इन मामलों में अन्य पार्टियों से अलग हैं.”

क्या बोले थे प्रधानमंत्री?

पीएम मोदी ने अपने मिस्र दौरे का जिक्र करते हुए कहा था कि मुस्लिम धर्म के पसमांदा समुदाय को इतना शोषण किया गया है लेकिन इसकी कभी चर्चा नहीं होती है. उनकी बातें सुनने के लिए भी कोई तैयार नहीं होता है. पसमांदा मुसलमानों को आज भी बराबरी का दर्जा नहीं मिला है.

उन्होंने कहा था, “पसमांदा के साथ इतना भेदभाव किया गया है कि उनकी आने वाली कई पीढ़ियों तक को इसका भुगतान करना होगा. बीजेपी सरकार ने ही उन्हें पक्का घर और मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं दी हैं. हम उसके पास जाकर उनके विश्वास के साथ आगे बढ़ेंगे.” बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी का खास तौर पर पसमांदा मुसलमानों पर फोकस है. इसको लेकर पार्टी ने कई कार्यक्रम भी किए हैं.