September 22, 2024

BIG NEWS: कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत दिल्ली में, एक बार फिर कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा शुरू

देहरादून। कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत की दिल्ली में मौजूदगी ने एक बार फिर सियासी गलियारों में उनके कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा शुरू हो गई है। इस बात को और बल इस लिये मिल रहा है क्योंकि उन्होंने कैबिनेट बैठक से दूरी बनाई है। हाल ही में उनके करीबी सोनिया आंनद ने भी कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।

पिछले कई समय से हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाएं होती रहीं। लेकिन सामने आकर हरक इन चर्चाओं पर विराम लगाते रहे है। पिछले कैबिनेट मीटिंग में कोटद्वार मेडिकल कालेज को मुद्दे पर उन्होंने कैबिनेट में इस्तीफे देने की बात कही थी। मीडिया ने तो इस्तीफा देने और कांग्रेस में शामिल होने की भविष्यवाणी कर दी थी। हालांकि उसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात के बाद सब ठीक-ठाक होने का दावा किया गया। इसके बाद भी पूर्व सीएम हरीश रावत और हरक सिंह रावत की देहरादून के एक होटल में मुलाकात की चर्चा भी मीडिया में होती रही है। हालांकि हरक सिंह रावत ने हरीश रावत से किसी भी मुलाकात या बातचीत से इंकार किया।

कांग्रेस के कई नेता मानते हैं कि 2016 में तत्कालीन सरकार को गिराने में रावत ने अहम भूमिका निभाई थी। इसलिए, उन्हें फिर से कांग्रेस में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, दूसरे नेता मानते हैं कि चुनाव में हर सीट अहम होती है। भविष्य को देखते हुए निर्णय लेने चाहिए।

बगावती तेवर दिखाते रहे हैं रावत

हरक सिंह रावत के करियर में कई उतार चढ़ाव आए हैं। साल 2000 के बाद वो सत्ता से हमेशा जुड़े रहे. वो उत्तराखंड में नेता विपक्ष भी रहे। उनकों 2002 में एक स्कैंडल के चलते इस्तीफा भी देना पड़ा था। हरक सिंह रावत उन नेताओं में से थे, जिन्होंने हरीश रावत सरकार के खिलाफ 2016 में बगावत कर दी थी और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था।

क्या कांग्रेस में होगी वापसी

कांग्रेस के सूत्रों की की माने तो उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बीजेपी में गए कांग्रेस नेताओं को वापिस लाने के लिए ज्यादा उत्सुक नहीं हैं। हरक सिंह रावत उन नेताओं में से थे, जिन्होंने हरीश रावत सरकार के खिलाफ 2016 में बगावत कर दी थी। इसलिए हरीश रावत की हरक सिंह रावत से कटुता निजी है जो यशपाल आर्य के साथ नहीं है। लेकिन कांग्रेस आलाकमान पुराने नेताओं को पार्टी में जगह देना चाहता है।

कांग्रेस आलाकमान को लगता है कि इन नेताओं के आने से राज्य में ठीक से हवा बन पाएगी। हरीश रावत ने अक्टूबर में यह तक कह दिया था कि बिन माफी मांगे किसी नेता को कांग्रेस में जगह नहीं दी जाएगी। उसके बाद हरक सिंह रावत ने दो चीजें कही थी। एक वो 2022 में चुनाव लड़ना नहीं चाहते और दूसरी कि जो उन्होंने कांग्रेस और उसके नेतृत्व के बारे में बोला था वो गलत है।


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