कैम्पस न्यूजः दो परीक्षा प्रणाली के फेर में उलझा श्रीदेव सुमन विवि, आंदोलन की राह छात्र
देहरादूनः श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय दो तरह की परीक्षा प्रणाली में उलझ गया है। शासन के एक आदेश पर विश्वविद्यालय ने स्नातक स्तर पर राजकीय महाविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली समाप्त कर दी है जबकि अशासकीय और निजी काॅलेजों को इस परीक्षा पैटर्न से बाहर रखा गया है। जिसके बाद से प्रदेश भर के छात्र आंदोलन की राह पर है।
आंदोलनरत छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय छात्रों का उत्पीड़न कर रहा है। छात्र नेताओं का कहना है कि एक ही विश्वविद्यालय में दो तरह की परीक्षा प्रणाली लागू कर दी गई है। जिससे छात्रों में असमंजस की स्थिति बन गई है। वहीं छात्र नेताओं का तर्क है कि महाविद्यालयों में होने वाली प्रवेश प्रक्रिया मेरिट पर आधारित है सीबीएसई एवं आईसीएसई बोर्ड के छात्रों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में उत्तराखंड बोर्ड में अध्ययनरत छात्रों के अंक प्रतिशत कम होता है जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में अध्ययनरत उत्तराखण्ड बोर्ड के छात्र महाविद्यालयों में प्रवेश से वंचित रह जाते हैं ऐसे वंचित छात्रों के पास अशासकीय एवं निजी महाविद्यालयों का विकल्प नियमित अध्ययन के लिए खुला रहता है, लेकिन एक ही विश्वविद्यालय में एक ही पाठ्यक्रम के लिये अलग-अलग शिक्षण संस्थानों के लिए भिन्न-भिन्न नियम लागू होने से छात्रों में आक्रोश पनप रहा है।
छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय के कुलपति और शासन से मांग की है कि छात्र हित में प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में एक पाठ्यक्रम के लिए एक नियम लागू किया जाय। इसके लिए सभी शासकीय, अशासकीय व निजी शिक्षण संस्थानों में सेमेस्टर प्रणाली समाप्त कर वार्षिक प्रणाली लागू करवानेे किया जाना आवश्यक है।
विवि कुलपति का एनएसयूआई ने किया घेराव
विश्वविद्यालय में दो परीक्षा पैटर्न करने से आक्रोशित एनएसयूआई छात्र संगठन ने विवि के कैंप कार्यालय में कुलपति डाॅ. पी.पी.ध्यानी का घेराव किया। इस दौरान छात्रों ने कुलपति को विश्वविद्यालय द्वारा लिये गये फैसलों से छात्रों की समस्याओं से अवगत किया। वहीं छात्रों ने कैंप कार्यालय में प्रदर्शन कर चेतावनी दी कि अगर 30 दिसम्बर तक छात्रों की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो छात्र संगठन एकजुट होकर विश्वविद्यालय में तालाबंदी कर उग्र आंदोलन करेंगे।