September 22, 2024

राजनीति के अजातशत्रु रहे कैंट विधायक हरबंश कपूर, दुनिया को कह गये अलविदा

देहरादून। कैंट विधानसभा सीट से विधायक हरबंस कपूर सोमवार को इस दुनिया को अलविदा कह गये। वे उत्तराखंड के एकमात्र अजेय विधायक हैं। जब से इन्होंने जीतना शुरू किया तो पीछे मुड़कर नहीं देखा। जब भाजपा का झंडा थामने वाला कोई नहीं था, तब ये विधायक बन गए थे। कैंट विधान सभा सीट 2008 परिसीमन के अस्तित्व में आने के बाद भी हरबंस कपूर का गढ़ रही है। साल 2012 में पूर्व स्पीकर रहे हरबंस कपूर ने भाजपा से अगुवाई की तो कांग्रेस का झंडा लहराने देवेंद्र सिंह सेठी आये। कांग्रेस ने भाजपा दिग्गज को पछाड़ने की पुरजोर कोशिश की पर भाजपा विधायक हरबंस कपूर को हिला नहीं पाए। नतीजे में 5095 वोटों से भाजपा विधायक ने जीत दर्ज की।

साल 2017 में इस सीट पर कांग्रेस ने अपने प्रवक्ता और कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना पर दांव खेला। जिसमें कांग्रेस को फिर से नाकामी हाथ लगी। जनता ने अपने विधायक का साथ न छोड़ा और 56.99 वोट प्रतिशत जीत के साथ हरबंस कपूर ने आठवीं बार विधायक के तौर पर शपथ ली। लगातार आठ बार की जीत यह बताने के लिए काफी है कि जनता के बीच उनकी पकड़ कितनी मजबूत है। पिछले पांच साल में हरबंस कपूर क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं, लेकिन यह संदेश भी जाता रहा है कि वह अपने पुत्र को राजनीति में आगे करने के लिए बिसात बिछा रहे हैं।

विधायक हरबंस कपूर उन चुनिंदा राजनेताओं में शामिल थे, जिन्हें अजातशत्रु कहा जा सकता है। वरना कोई एक ही सीट से 8 बार विधायक कैसे रह सकता है।
हरबंस कपूर का जन्म 1946 में उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत में एक पंजाबी हिंदू परिवार में हुआ था। उनका परिवार भारत विभाजन के बाद देहरादून में बस गया। हरबंस कपूर की प्रारंभिक शिक्षा शिक्षा सेंट जोसेफ अकादमी (देहरादून) में हुई। इसके बाद उन्होंने यहीं डीएवी पीजी कालेज से कानून में स्नातक किया था।

हरबंस कपूर का राजनीतिक करियर

हरबंस कपूर ने जमीनी स्तर के राजनेता के रूप में शुरुआत की। उन्हें 1985 में पहली हार मिली थी, जिसके बाद से ही वे कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं हारे। 1989 में देहरादून निर्वाचन क्षेत्र से 10वीं उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में उत्तर प्रदेश विधानसभा में शामिल हुए। उसके बाद 11वीं विधानसभा, 12वीं विधानसभा और 13वीं विधानसभा में शामिल हुए।

इतना ही नहीं उन्होंने 2000 में अलग उत्तराखंड राज्य बनने के बाद उत्तराखंड में 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में भी अपनी जीत को बनाए रखा। इसके साथ ही स्थापना के बाद सभी चुनावों में अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखा। साल 2007 में उन्हें सर्वसम्मति से उत्तराखंड विधानसभा का अध्यक्ष भी चुना गया। वह उत्तराखंड बीजेपी के सबसे पुराने नेताओं में से एक हैं।

क्षेत्र में शोक की लहर

पूर्व विधानसभा स्पीकर हरबंश कपूर के निधन में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शोक व्यक्त किया है।

पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता हरीश रावत भी कैंट विधायक हरबंश कपूर के निधन की खबर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे उन्होंने कहा कि

पूर्व सीएम और भाजपा नेता त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी कैंट विधायक हरबंश कपूर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है उन्होंने कहा कि

 


WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com