November 25, 2024

ड्रैगन की नई चाल! भारत, अमेरिका, ताइवान और जापान से युद्ध की तैयारी कर रहा चीन

india troops on china

भारत का पड़ोसी चीन सुपरपावर बनने की जिद में दुनिया को बहुत बड़े विनाश की ओर ले जा रहा है. चीनी सेना की बदली जंगी रणनीति को लेकर एक बहुत बड़ा खुलासा हुआ है. इसके मुताबिक चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग आधी दुनिया को जंग की आग में झोंकने की तैयारी कर रहे हैं. चीनी सेना को सबसे ताकतवर बनाने के लिए शी ने हथियार और गोला बारूद के हर तय नियम-कायदे तोड़ दिए हैं. ताकतवर कहलाने की ख्वाहिश में शी जिनपिंग ने साल 2050 तक का वॉर कैलेंडर तैयार कर लिया है. हैरानी की बात ये है कि चीन खुद को शक्तिशाली बनाने के लिए भारतीय सेना के कुछ मॉडल की भी कॉपी कर रहा है.

चीन ताइवान के साथ, अमेरिका के साथ, भारत के साथ और जापान के साथ युद्ध की तैयारी कर रहा है. चीन ने अपने आस-पास कई युद्धक्षेत्र बना लिए हैं. चीन जानता है कि उसके दुश्मन बहुत ताकतवर हैं, इसलिए आजकल चीनी सेना एक नई वॉर स्ट्रैटजी पर काम कर रही है. चीन की सेना कुल 5 थिएटर कमांडों में बंटी हुई है. शी जिनपिंग जिस थिएटर कमांड में जाते हैं, वहां अपने सैनिकों से वफादारी और युद्ध के लिए तैयार रहने का आदेश जरूर देते हैं, वो अपने सैनिकों से वफादारी की सौगंध खिलाते हैं.

नई खबर ये है कि चीन ने 2050 तक का वॉर प्लान तैयार कर लिया है. चीनी सेना ने अगले 30 साल तक का वॉर शेड्यूल तैयार कर लिया है. इसी वॉर शेड्यूल के हिसाब से चीनी सेना में तेजी से बदलाव हो रहे हैं. शी जिनपिंग को सबसे ज्यादा डर हिंदुस्तान में नई शक्ति से लबरेज अग्निवीरों से है. इसलिए चीनी सेना भी अग्निवीरों की तरह नॉन कमीशंड ऑफिसर्स या एनसीओ की बड़े पैमाने पर नियुक्ति कर रही है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में पब्लिश नई वॉर रिपोर्ट में चीन की मिलिट्री फोर्स ने इन अफसरों को चीनी सेना की बैकबोन बताया है.

जिनपिंग को NCO की जरूरत क्यों?

ये सच है कि चीन के पास संख्याबल के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी थल सेना और नौसेना है. एयरफोर्स के मामले में चीनी सेना दुनिया में तीसरे स्थान पर है. लेकिन दूसरा सच ये भी है कि चीनी सेना के पास युद्ध का कोई खास अनुभव नहीं है. चीनी सेना ने 1962 के युद्ध और 1979 के वियतनाम युद्ध के अलावा किसी भी दूसरे युद्ध में हिस्सा नहीं लिया है. चीन के सैनिकों को चॉकलेट सोल्जर कहा जाता है, क्योंकि उनमें से ज्यादातर अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं. जिन्हें युद्ध में भेजने की कल्पना से भी उनके माता-पिता की रूह कांप जाती है. जिनपिंग चाहते हैं कि चीनी सेना की इस कमजोरी को एनसीओ की नई भर्ती और बेहद कड़ी ट्रेनिंग से भरा जाए.

जिनपिंग अपने एनसीओ को भारत के अग्निवीरों जैसा बनाना चाहते हैं. मिशन 2050 को लेकर चीनी सेना ने अपनी पूरी पावर झोंक दी है, लेकिन जिनपिंग का वॉर प्लान 2050 सिर्फ एनसीओ के रिक्रूटमेंट और ट्रेनिंग तक ही नहीं टिका. चीनी सेना अपने एनसीओ को चीनी सेना के नाइफ प्लान के लिए तैयार कर रही है. चाइनीज मिलिट्री पर चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स और साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में छपी लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना अब नॉन कमीशन्ड अधिकारियों पर ज्यादा फोकस कर रही है. ये किसी से नहीं छिपा कि जिनपिंग चीन की सेना को युद्ध के किसी खास उद्देश्य के साथ मजबूत और हाईटेक बनाने में जुटे हैं. एक तरफ चीन 1500 परमाणु बम और हाइपरसोनिक मिसाइलों का जखीरा तैयार कर रहा है, तो वहीं दूसरी ओर पीएलए KNIFE PLAN पर काम कर रही है.

चीनी सेना का KNIFE प्लान!

चीन अमेरिका और भारत के खिलाफ जंगी तैयारी में जुटा हुआ है. चीनी सेना का मानना है कि छोटी और अत्यंत प्रशिक्षित सैन्य यूनिट भविष्य की जंग में अहम भूमिका निभाएंगी. इसलिए चीनी सेना अब नॉन कमीशन्ड अधिकारियों पर ज्यादा फोकस कर रही है. इन्हें विपरीत परिस्थितियों में युद्ध की ज्यादा टफ ट्रेनिंग दी जाएगी. इन्हें हाईटेक और मॉडर्न टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग दी जाएगी. जो इस टफ ट्रेनिंग को पूरा कर पाएगा, वो लंबे समय तक सर्विस में रहेगा और जो इस ट्रेनिंग को पूरा नहीं कर पाएंगे, उन्हें वापस सिविल लाइफ में लौटना होगा.

PLA का दावा है कि इन एनसीओ की यूनिट बहुत छोटी होगी और भविष्य के युद्धक्षेत्र में तेज चाकू की तरह से दुश्मन को काटती चली जाएगी. जिनपिंग ने दो वजह से एनसीओ पर फोकस तेज कर दिया है. पहली वजह है भारत के अग्निवीर और दूसरी वजह यूक्रेन में लड़ा जा रहा युद्ध. यूक्रेन में रूस की सेना फंसकर रह गई है. कई गुना ताकतवर होने के बाद भी रूस 10 महीने से जंग नहीं जीत पाया है. युद्ध में ऐसी हालत चीन की न हो, ये सारी तैयारी इसी के लिए है. यूक्रेन के युद्ध में यूक्रेन की रेगुलर आर्मी से ज्यादा घातक एनसीओ सैनिक साबित हुए हैं. उनकी छोटी छोटी यूनिट्स ने ही रूसी सैनिकों को पीछे धकेल दिया.

चीनी सेना में कुल सैनिकों की संख्या 3,134,000 है. इसमें एक्टिव सैनिकों की संख्या 2000000 है. इसके अलावा रिजर्व सैनिकों की संख्या 510000 है. चीन के पैरामिलिट्री सैनिकों की तादाद 624000 है. लेकिन अब चीनी सेना का फोकस एनसीओ की छोटी-छोटी टुकड़ियों वाले KNIFE PLAN पर है. चीनी सेना ने मार्च से ही इस नए प्लान को लागू कर दिया है. नए नियम के मुताबिक नई टफ ट्रेनिंग हासिल कर चुके एनसीओ को लंबे समय तक सर्विस में रहना होगा. वो अपनी मर्जी से बीच में सेना नहीं छोड़ पाएंगे. इसकी शुरुआत सबसे पहले स्प्रेटली द्वीप पर तैनात नौसैनिकों का सेवा काल बढ़ाकर की गई है.