चिंतन मनन: कांग्रेस ने गंभीरता से नहीं लड़ा चम्पावत उपचुनाव!
देहरादून। प्रदेश कांग्रेस का दो दिनी नव संकल्प शिविर का समापन हो गया है। स्थानीय एक बारात घर में इस शिविर का आयोजन किया गया। पार्टी को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं को जोड़ने के लिए कांग्रेस का ये नव संकल्प शिविर सभी राज्यों में आयोजित किये गये। यह विचार कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर में बड़े मंथन के बाद निकल कर सामने आया। पार्टी को मजबूत करने के लिए देशभर में भारत जोड़ो अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन उत्तराखण्ड में पार्टी के जिम्मेदार चम्पावत में निर्मला को अकेले छोड़ आये। बकौल निर्मला गहतोड़ी पार्टी के नाम पर सिर्फ चुनाव निशान उनके पास था। चुनाव प्रचार शुरू होने से मतदान निपटने तक कांग्रेस के 90 प्रतिशत वरिष्ठ कार्यकर्ता नदारद रहे।
निर्मला बनी चुनावी रण में अभिमन्यु!
शुक्रवार को चम्पावत उपचुनाव का नतीजे आने हैं। लेकिन पार्टी के जिम्मेदार पहले ही चम्पावत के रण में हथियार डालकर आ चुके थे। निर्मला गहतोड़ी चम्पावत उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से पार्टी की उम्मीदवार रही। उनके मुकाबले में भाजपा से सीएम पुष्कर सिंह धामी रहे। लेकिन ऐन चुनाव से पहले कांग्रेस के जिम्मेदार नेता चम्पावत छोड़ चुके थे।
वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला के मुताबिक ‘कांग्रेस युद्ध के मैदान में डटकर नहीं लड़ती। रणनीति कौन बनाता है और कैसे बनती है, यह नहीं पता। एक पत्रकार के तौर पर मुझे लगता है कि हरदा को चुनाव प्रचार के अंतिम पांच दिन चम्पावत में ही रहना चाहिए था। लेकिन वह तो निर्मला गहतोड़ी को भंवर में छोड़ कर नेशनल हाईवे की सड़क पर बैठ गये। उन्हें सड़क का गड्ढा तो नजर आ गया लेकिन कांग्रेस पार्टी की खाई नजर नहीं आई।’
वहीं निर्मला गहतोड़ी कहती है कि पार्टी के नाम सिर्फ चुनाव निशान उनके पास था। चुनाव प्रचार शुरू होने से मतदान निपटने तक कांग्रेस के 90 प्रतिशत वरिष्ठ कार्यकर्ता नदारद रहे। निर्मला ने कहा कि कांग्रेस ने ये चुनाव गंभीरता से नहीं लड़ा। कई वरिष्ठ नेता के मना करने के बाद उन्होंने पार्टी के खातिर इस चुनाव में उतरने पर रजामंदी दिखाई। लेकिन चुनाव में मेरे साथ धोखा हुआ है।
ऐसे समय में जब कांग्रेस देश-प्रदेश में अपनी जमीन तलाशने की लड़ाई लड़ रही है। निर्मला गहतोड़ी के आरोप बेहद गंभीर है। पार्टी के जिम्मेदारों में पर ये आरोप किसी साधारण कार्यकर्ता की तरफ से नहीं लगाए गए हैं। गहतोड़ी कांग्रेस की वरिष्ठ कार्यकर्ता है। चम्पावत उपचुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी आठ साल तक जिलाध्यक्ष रही। इसके साथ ही वो तीन साल तक महिला एवं बाल विकास बोर्ड की अध्यक्ष रही।
उदयपुर चिंतन शिविर और भारत जोड़ो अभियान
मई में ही कांग्रेस पार्टी ने उदयपुर में चिंतन शिविर का आयोजन किया था। साल 2013 के बाद यानी 9 साल बाद कांग्रेस ने चिंतन शिविर में मंथन किया है। कांग्रेस नेताओं का दावा कि इस शिविर के बाद कांग्रेस बदले हुए रूप में नज़र आएगी। लेकिन प्रदेश में चम्पावत उपचुनाव में जिस तरीके के आरोप लगाए हैं। उससे यही पता चलता है कि पार्टी नेताओं की अंदरूनी गुटबाजी से निकल पाना कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती रहेगी।