September 22, 2024

बिहार में गठबंधन का स्वरूप बदल रहा है,पार्टी कार्यकर्ताओं को रहना चाहिए हर परिस्थिति के लिए तैयार -चिराग पासवान

लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई से सांसद चिराग पासवान ने बिहार चुनाव से पहले चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को कहा कि बिहार में गठबंधन का स्वरूप बदल रहा है और पार्टी कार्यकर्ताओं को हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए.

किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहें कार्यकर्ता

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए चिराग ने पार्टी कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी को बिहार चुनाव को लेकर अपनी तैयारी पूरी रखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो एलजेपी को अकेले चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार रहना चाहिए. चिराग ने कहा कि नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनाव में किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए. चिराग पासवान के इस बयान से बिहार में आने वाले चुनाव से पहले एक बार फिर से कयास लगने शुरू हो गए हैं.

सीट बंटवारा है बड़ा मुद्दा

सूत्रों की मानें तो लोक जनशक्ति पार्टी की सबसे बड़ी चिंता एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर है. लोक जनशक्ति पार्टी की मांग है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में कम से कम 42 सीटों पर चुनाव लड़े, मगर एनडीए चिराग पासवान की पार्टी को 30 से 35 सीट ही देने के मूड में है.

नीतीश-चिराग में खटपट

चिराग पासवान इन दिनों सीएम नीतीश कुमार से भी खफा-खफा से चल रहे हैं. दरअसल मौजूदा विधानसभा में लोक जनशक्ति पार्टी के दो विधायक है बावजूद इसके सरकार में पार्टी की कोई भी भागीदारी नहीं है.

बिहार में कानून व्यवस्था का मुद्दा हो या फिर प्रवासी मजदूरों के राज्य वापस लौटने का, इन सभी मुद्दों पर चिराग पासवान ने ना केवल नीतीश कुमार की आलोचना की है बल्कि उनको पत्र लिखकर बार-बार मुश्किल में डाल दिया है.

पिछले ही दिनों चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सीएम उम्मीदवारी पर भी सवाल खड़े करते हुए कह दिया था कि वह उसी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार मानेंगे जिसके नाम का चयन बीजेपी करेगी.

क्या एनडीए में आएंगे जीतन राम मांझी?

कुछ दिन पहले यह भी खबर आई कि नीतीश कुमार हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को एनडीए में शामिल कराकर चिराग पासवान की पार्टी को निपटाना चाहते हैं. इन सभी घटनाक्रम से साफ है कि नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.

ऐसे में चिराग पासवान का पार्टी नेताओं को यह संदेश देना कि गठबंधन का स्वरूप बदल सकता है, चुनाव से पहले बिहार में आने वाली सियासी तपिश की ओर इशारा कर रही है.


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