CISF ने भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार की नई HR नीति, पोस्टिंग दिशा-निर्देशों में बड़े बदलाव

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सुरक्षा बल में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और नई तकनीकों के उपयोग को ध्यान में रखते हुए मानव संसाधन नीति में किए गए सुधार।                                                                                                                                                                    चंडीगढ़ : केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने बल को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने और इसकी कार्यक्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से नई मानव संसाधन (HR) नीति का अनावरण किया है। इस नई नीति के तहत बल के अराजपत्रित अधिकारियों के पोस्टिंग और ट्रांसफर दिशा-निर्देशों में बड़े बदलाव किए गए हैं।

CISF के विस्तार पर जोर

CISF यूनिट पंजाब एवं हरियाणा सिविल सचिवालय के सीनियर कमांडेंट वाईपी सिंह ने बताया कि बल में अधिकारियों की भर्ती देश के हर कोने से की जाती है, जिससे यह क्षेत्रीय विविधता और अखिल भारतीय स्वरूप को मजबूती देता है। उन्होंने कहा कि बल का विस्तार 1.5 लाख से बढ़कर 1.9 लाख से अधिक हो चुका है, और परिचालन इकाइयों की संख्या 339 से बढ़कर 359 हो गई है।

नई सुरक्षा चुनौतियों पर ध्यान

कमांडेंट सिंह ने बताया कि बल अब जेल सुरक्षा और संसद भवन परिसर जैसे नए क्षेत्रों में भी अपनी सेवाएं दे रहा है। ड्रोन खतरे, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों और प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग के साथ CISF का आपरेटिंग वातावरण तेजी से बदल रहा है।

महिलाओं की भागीदारी और नीति में बदलाव

नई नीति में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और कार्यरत दंपत्तियों की स्थानांतरण जरूरतों को ध्यान में रखा गया है। 2017 के पोस्टिंग दिशा-निर्देशों की समीक्षा कर इसे नए सुरक्षा मानकों और प्रशासनिक आवश्यकताओं के अनुरूप संशोधित किया गया है।

CISF की नई भूमिका

CISF अधिनियम-1968 की धारा-15 के तहत बल के सदस्य भारत के भीतर या बाहर किसी भी स्थान पर तैनात किए जा सकते हैं। नई नीति बल को बदलते सामाजिक और तकनीकी परिवेश के साथ कदमताल करने में मदद करेगी।

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