September 22, 2024

कोरोना वायरस के खिलाफ भारत और अमेरिका आए साथ,आयुर्वेदिक फॉर्मूले को लेकर साझा क्लिनिकल ट्रालय करने की योजना

कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत और अमेरिका एक साथ आए हैं। दोनों देशों के आयुर्वेदिक चिकित्सक और शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए आयुर्वेदिक फॉर्मूले को लेकर साझा क्लिनिकल ट्रालय करने की योजना बना रहे हैं। भारतीय उपराजदूत ने इस बात की पुष्टि की है।

भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिकों, शिक्षकों और डॉक्टर के साथ वर्चुअल बैठक में अमेरिका में भारतीय राजदूत तरंजीत सिंह संधू ने बताया कि कोविड-19 के खिलाफ दो देश एक साथ आए हैं और वैज्ञानिकों के समुदाय के एख वृहद नेटवर्क को बनाने पर जोर है।
 
संधु ने बताया कि दोनों देश के संस्थान साझा शोध, शिक्षा और प्रशिक्षण प्रोग्राम के जरिए आयुर्वेद का प्रचार-प्रसार करेंगे। संधु ने बताया कि दोनों देश के चिकित्सक और शोधकर्ता कोविज-19 के खिलाफ लड़ने के लिए आयुर्वेद का साझा क्लिनिकल ट्रायल करेंगे। 

भारत-अमेरिका विज्ञान तकनीकी फोरम हमेशा से विज्ञान में विशिष्टतता, तकनीकी और इनोवेशन का प्रचार करने के लिए एक माध्यम रही है। संधु ने कोविड-19 की चुनौतिओं को संबोधित करते हुए कहा कि फोरम ने हमेशा साझा शोध और स्टार्ट-अप कार्यों के लिए समर्थन दिया है। दोनों देशों के जानकार फास्ट ट्रैक पर ज्यादा से ज्यााद प्रस्तावों की समीक्षा कर रहे हैं।

भारतीय फार्मास्युटिकल्स कंपनियां कम लागत वाली दवाई बनाने को लेकर एक वैश्विक नेता के तौर पर सामने आई हैं। संधु ने बताया कि कम लागत वाली वैक्सीन बन जाने से महामारी से लड़ने में आसानी होगी। संधु के मुताबिक अभी फिलहाल अमेरिकी संस्थानोंं और भारतीय वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों में कम से कम तीन चालू सहयोग का कार्य चल रहा है। 

भारतीय राजदूत संधु ने कहा कि इस सहयोग कार्य से ना सिर्फ भारत और अमेरिका को फायदा होगा बल्कि दुनिया के करोड़ों लोग इस वैक्सीन का इस्तेमाल कर सकेंगे। संधु ने बताया कि इस दिशा में टेक और स्टार्ट अप कंपनियों ने नेतृत्व करना शुरू कर दिया है।

एक वरिष्ठ कूटनीतिक का कहना है कि अभी देश में 200 से ज्यादा एनआईएच फंड के प्रोजेक्ट काम कर रहे हैं, जिसमें एनआईएच नेटवर्क के 20 संस्थान और भारत में कई प्रसिद्ध संस्थान स्वास्थ्य सेवा का समाधान निकालने के लिए शोध कर रहे हैं। वैक्सीन एक्शन प्रोग्राम के तहत चल रहे सहयोग से ROTAVAC वैक्सीन विकसित करने में सफलता मिली। यह वैक्सीन रोटा वायरस को खत्म करने के लिए बनाई गई थी, जो बच्चों में डायरिया का कारण बनता है। 

ये वैक्सीन भारतीय कंपनी भारत बायोटेक के द्वारा उचित लागत पर बनाई गई थी, इसके अलावा कंपनी टीबी, इंफ्लूएंजा, चिकगुनिया जैसी बीमारियों के लिए विकसित की गई वैक्सीन का काम वैक्सीन एक्शन प्रोग्राम के तहत चल रहा है। 

संधु ने बताया कि बैठक में कई वैज्ञानिकों ने कहा कि भारत कोरोना महामारी से लड़ने में बेहतर काम कर रहा है।


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