September 23, 2024

नीतीश-तेजस्वी की बंद कमरे में मुलाकात, बिहार में नए सियासी समीकरण के संकेत

बिहार में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को 2010 के प्रारूप के साथ ही लागू करने को लेकर मंगलवार को विधानसभा में प्रस्ताव पास हो गया। इसके साथ ही एनडीए शासित राज्यों में ऐसा करने वाला बिहार पहला राज्य बन गया है। इसे लेकर सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चा हो रही है। एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पास होने से पहले नीतीश कुमार ने राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ विधानसभा में बने मुख्यमंत्री कक्ष में मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच करीब 20 मिनट तक बातचीत हुई। दोनों के बीच क्या बातें हुईं, इसको लेकर किसी ने खुलासा नहीं किया। इस मुलाकात के थोड़ी देर बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन में एनपीआर और एनआरसी पर प्रस्ताव पास होने की घोषणा कर दी।

प्रस्ताव के मुताबिक बिहार में एनआरसी की आवश्यकता नहीं बताई गई है। साथ ही एनपीआर 2010 के प्रारूप के आधार पर लागू करने का सुझाव केंद्र सरकार को भेजने की बात कही गई है। प्रस्ताव पास होने के बाद तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि बिहार में एनआरसी और एनपीआर लागू नहीं करने की हमारी मांग पर आज विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कराया गया। एनआरसी और एनपीआर पर एक इंच भी नहीं हिलने वाली भाजपा को आज हमने एक हजार किलोमीटर हिला दिया। भाजपा वाले माथा पकड़े टुकुर-टुकुर देखते रह गए। संविधान मानने वाले हम लोग सीएए भी लागू नहीं होने देंगे।

भाजपा बोली यह एक सुझाव, गेंद केंद्र के पाले में

वहीं, भाजपा विधायक मिथिलेश तिवारी ने कहा कि यह एक सुझाव था, मुख्यमंत्री ने पहले ही एक पत्र में केंद्र सरकार को बता दिया था। विधानसभा ने आज सर्वसम्मति से इस पर मुहर लगा दी। यह केंद्र पर निर्भर है कि उसे सुझाव स्वीकार करना है या नहीं। उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्ताव नहीं था क्योंकि राज्य सरकार ऐसा नहीं कर सकती। यह सिर्फ एक सुझाव था। 

चर्चा के दौरान प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा नीतीश कुमार को लेकर की गई टिप्पणी पर नीतीश ने तेजस्वी से कहा कि उन्हें ये बातें बोलने का अधिकार नहीं है, यह अधिकार उनके पिता लालू प्रसाद को है। तेजस्वी ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री का इतिहास रहा है ‘कब किधर पलटी मार जाएं’ इसलिए जल्दी भरोसा नहीं होता। हम लोगों ने भरोसा कर 2015 में साथ सरकार बनाया था लेकिन अब हम लोगों को एक-एक चीज देखना पड़ेगा।

तेजस्वी की इस टिप्पणी पर नीतीश ने कहा सब बात तो हो गई। कहां कोई असहमति है। नीतीश ने तेजस्वी से आगे कहा कि आपको कुछ बात हम पर नहीं बोलना चाहिए  ये सब बोलने का आपके पिता जी को अधिकार है। ज्यादा मत बोला करो।

बाद में तेजस्वी मुख्यमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी पर कहा कि पिछली सरकार (नीतीश मंत्रिमंडल) में मैं उपमुख्यमंत्री था न कि मेरे पिता जी।


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