September 22, 2024

विद्युत आपूर्ति के लिए रिकार्ड समय में अंडरग्राउंड कैबलिंग के लिये, सीएम रावत ने की ऊर्जा विभाग की सराहना

देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश में बढती आक्सीजन की माँग को देखते हुए मै0लिण्डे इण्डिया के लिक्विड आक्सीजन प्लांट के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए रिकार्ड समय में अंडरग्राउंड कैबलिंग पूर्ण करने पर ऊर्जा विभाग के अधिकारियों और कार्मिकों की सराहना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी जज्बे के साथ काम करते हुए हम कोविड के खिलाफ लङाई में अवश्य जीत हासिल करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में कोविड महामारी के कारण देश में ऑक्सीजन की कमी की समस्या के दृष्टिगत ऑक्सीजन प्लान्टों से उनके क्षमता के अनुरूप पूर्ण उत्पादन सम्भव हो सके, इसके लिये  राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि देहरादून स्थित सेलाकुई क्षेत्र में मै0 लिण्डे इण्डिया द्वारा वर्तमान में प्रतिदिन औसतन 160 टन लिक्विड ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है जो कि वर्तमान में कोविड की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की माँग के दृष्टिगत अत्यन्त महत्वपूर्ण है। दिनांक 23.04.2021 के पश्चात् दिनांक 08.05.2021 के मध्य मै0 लिण्डे को पोषित करने वाली 33 के०वी० लाइन में 5 ट्रिपिंग व 1 मौके पर अन्डर वोल्टेज के कारण प्लान्ट में उत्पादन बाधित होने की सूचना प्राप्त हुई। ट्रिपिंग के कारणों की समीक्षा में पाया गया कि 33 के०वी० लाईन का लगभग 3.00 कि०मी० भाग ऐसे क्षेत्र से गुजरता है जहाँ garbage/animal waste जम फेंके जाने के कारण बड़ी संख्या में पक्षी क्षेत्र में आकर्षित होते हैं एवं मुख्यतः बर्डफाल्ट के कारण 33 के०वी० लाईन पर ट्रिपिंग दर्ज की जा रही थीं।

वर्तमान समय में एक-एक लीटर ऑक्सीजन की महत्ता के दृष्टिगत मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उक्त समस्या का समाधान जल्द से जल्द सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

सचिव (ऊर्जा), उत्तराखण्ड शासन राधिका झा ने सेलाकुई में ऑक्सीजन प्लांट एवं 33 के०वी० लाईन का स्थलीय निरीक्षण व समीक्षा की गयी। साथ ही जिला प्रशासन को यह भी निर्देशित किया गया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उक्त क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति नया कूडा इत्यादि न डाले। साथ ही यह निर्णय भी लिया गया कि मै० लिण्डे को पोषित करने वाली इस समस्या से आच्छादित 3 कि०मी० की लाईन को भूमिगत किया जाये जिसके लिये लगभग 5 कि०मी० भूमिगत केबिल डाली जानी आवश्यक थी।  भूमिगत केबल डाले जाने के कार्य का व्यय लगभग रू0 3.2 करोड़ की स्वीकृति ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्वीकृत करायी गई एवं इस कार्य को पूर्ण किये जाने हेतु 7 दिनों का समय निर्धारित किया गया जब तक भूमिगत केबल का कार्य पूर्ण हो लाईन पर ट्रिपिंग रोकने के लिये स्थानीय प्रशासन के सहयोग से लाईन के प्रत्येक विद्युत पोल पर मानवशक्ति कार्योजित करते हुये पक्षियों को लाईन के निकट न आने से रोका गया।

ऊर्जा मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आक्सीजन प्लान्ट को होने वाली एक भी ट्रिपिंग की समीक्षा की जा रही है तथा उनके द्वारा टास्क फोर्स का गठन करते हुये केन्द्र से पी०जी०सी०आई०एल० एवं टाटा पावर के अधिकारियों को इस हेतु समीक्षा व सहयोग हेतु देहरादून भेजा गया। इस टास्क फोर्स द्वारा भी उत्तराखण्ड में किये गये निर्णयों व कार्यों सही पाया। उक्त कार्य बिना किसी शटडाउन के पूर्ण कराया गया। मात्र 3.5 घण्टे का शटडाउन केबल को जोड़ने के लिये लिया गया तथा इस 3.5 घण्टे में भी 10 कि०मी० की ओवरहेड लाईन में यथाआवश्यक कार्य पूर्ण किये गये जिससे विद्युत आपूर्ति में निरन्तरता सुनिश्चित की जा सकेगी। मुख्यमंत्री रावत के गए निर्देशों के क्रम में अल्प समय में यह कार्य पूर्ण किये जाने पर  सचिव (ऊर्जा), राधिका झा, प्रबन्ध निदेशक यू०पी०सी०एल० डा० नीरज खैरवाल, निदेशक (परियोजना), जगमोहन सिंह रौथाण, निदेशक (परिचालन) अतुल कुमार अग्रवाल एवं निदेशक एचआर एके सिंह की सराहना की।


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