September 22, 2024

अभी-अभी: भ्रष्टाचार के खिलाफ सीएम त्रिवेन्द्र एक्शन में, कम्पनी ने वापस किए 18 करोड़

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरे एक्शन मूड में है। वे भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी भी सूरत में समझौता नहीं करना चाहते। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी नीति हमेशा जीरो टॉलरेंस की रही है। अब भ्रष्टाचारी त्रिवेन्द्र सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति से घबराकर पैसे भी वापस करने लगे हैं। ताजा मामला ब्रिज एण्ड रुफ कम्पनी का है। गुरूवार को इस कम्पनी ने मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को देखकर 18 करोड़ रुपये उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड को वापस कर दिये है।

जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड ने ब्रिज एवं रूफ कम्पनी को अगस्त माह में कुल 20 करोड़ रूपये जारी किये थे। यह राशि बोर्ड ने कोटद्वार में ईएसआई अस्पताल बनाने के एवज में जारी किये गये थे। मिली जानकारी के मुताबिक बोर्ड ने इसके लिए सरकार से कोई वित्तीय और प्रशासनिक मंजूरी नहीं ली और नियमों को ताक पर रखकर इस कम्पनी को अस्पताल भवन निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपये जारी कर दिये गये।

कम्पनी ने त्रिवेन्द्र सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ नीति से घबराकर 18 करोड़ रुपये वापस तो कर दिये लेकिन कम्पनी बकाया 2 करोड़ रुपये डीपीआर और अन्य खर्चो का बहाना बनाकर डकारना चाहती थी। इस पर सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने सख्त रुख अपनाते हुए शेष 2 करोड़ बकाया भी उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड को वापस करने को कहा है। उन्होंने कम्पनी को चेताते हुए कहा कि यदि कम्पनी ये 2 करोड़ रुपया वापस नहीं करती है तो इस कम्पनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

गौरतलब है कि केबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के चेयरमैन रहे हैं। इस तरह सरकार की अनुमति के बगैर सरकारी धन आवंटित करने पर बोर्ड के तत्कालीन जिम्मेदार लोगों की भूमिका पर सवालिया निशान लगता है।


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