भीषण गर्मी के बीच कोयले की कमी ने बढ़ाया बिजली संकट, मोदी सरकार पर कांग्रेस हमलावर, पूछे ये तीन सवाल

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देश में एक तरफ से जहां लगातार भीषण गर्मी पड़ रही है और कई राज्यों में तापमान 40 के पार है तो वहीं दूसरी तरफ पावर प्लांट्स में कोयले की कमी ने इस संकट को और गहरा दिया है. इसको लेकर जहां दिल्ली सरकार ने केन्द्र को आगाह करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के मेट्रो और अस्पतालों की सेवा पर असर इसका पड़ सकता है, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष बिजली संकट को लेकर केन्द्र सरकार पर हमलावर है.

कांग्रेस प्रवक्त रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए मोदी सरकार से सवाल किए और उसका उन्होंने जवाब मांगा. उन्होंने लिखा है कि आज 29 अप्रैल को 11 बजे तक देश में बिजली की मांग 12 हजार मेगावाट है.  आज एनर्जी एक्सचेंज में बिजली खरीद की कीमत 12 रुपये प्रति यूनिट है. अगर केन्द्र सरकार आगे बढ़ मदद नहीं करेगी तो राज्य मंहगी बिजली कैसे खरीदेंगे? अब तक 12 रुपये में भी बिजली नहीं मिलती है.

मोदी सरकार से कांग्रेस के सवाल

रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट में आगे लिखा है कि आग बरसाती गर्मी… 12 घंटे की बिजली कट.. पीएम मौन, बिजली-कोयला मंत्री गुम! उन्होंने आगे तीन सवाल करते हुए पूछा है-

1• देश में 72,074 मेगावाट क्षमता के प्लांट बंद क्यों?

2• देश के 173 पावर प्लांट्स में से 106 प्लांट्स में कोयला 0%-25% के बीच ही क्यों?

3• कोयले की मांग रोज़ 22 लाख टन, सप्लाई 16 लाख टन ही क्यों?

सीएम गहलोत ने जताई चिंता

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बढ़ती गर्मी के बीच कोयले की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने पर चिंता जताई और इसे राष्ट्रीय संकट बताते हुए कहा कि लोग एकजुट होकर हालात बेहतर बनाने में सरकार का सहयोग करें. गहलोत ने ट्वीट किया,’ देश के 16 राज्यों में बढ़ती गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ी है एवं इसके अनुरूप कोयले की आपूर्ति नहीं हो रही है जिसके कारण आवश्यकतानुसार बिजली आपूर्ति संभव नहीं है. यह एक राष्ट्रीय संकट है.’

लोगों से सहयोगी की अपील करते हुए गहलोत ने कहा,’ मैं सभी से अपील करता हूं कि इस संकट में एकजुट होकर परिस्थितियों को बेहतर करने में सरकार का साथ दें. अपने निवास या कार्यक्षेत्र के गैर-जरूरी बिजली उपकरणों को बन्द रखें. अपनी प्राथमिकताएं तय कर बिजली का उपयोग जरूरत के मुताबिक करें.’ इसके साथ ही गहलोत ने बिजली कटौती के खिलाफ बिजलीघरों पर प्रदर्शन करने के भाजपा के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा,’राजस्थान में प्रदेश भाजपा बिजली घरों पर प्रदर्शन कर इस संकट में चुनौतीपूर्ण कार्य कर रहे बिजली कर्मचारियों को परेशान कर उन पर दबाव बनाने का कार्य कर रही है.’

उन्होंने कहा,’ मैं उनसे पूछना चाहूंगा कि राज्यों को कोयला उपलब्ध करवाने का काम केन्द्र सरकार का है. क्या प्रदेश भाजपा का दिशाहीन नेतृत्व केन्द्र सरकार से इस बारे में सवाल पूछेगा कि वो मांग के अनुसार कोयला उपलब्ध करवाने में सक्षम क्यों नहीं है जिसके कारण 16 राज्यों में बिजली कटौती की नौबत आई है?’