चैम्पियन-कर्णवाल विवाद को लेकर जांच समिति गठित, समिति की सिफारिश पर होगी कार्रवाई
देहरादूनः प्रदेश भाजपा इन दिनों अपने दो विधायकों की जुबानी जंग से खासी असहज है। सरकार और संगठन के हस्तक्षेप के बावजूद दोनों विधायकों में जुबानी जंग अब भी बदस्तूर जारी है। दोनों विधायकों को कई बार आगाह भी कर दिया गया है लेकिन इसके बाद भी दोनों विधायक एक-दूसरे पर कटाक्ष करते आ रहे हैं। जिससे पार्टी के अनुशासन पर भी सवाल उठना लाजमी है।
हरिद्वार जिले के दो भाजपा विधायकों कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और देशराज कर्णवाल के बीच छिड़ी जंग पर भाजपा अब सख्ती के मूड में है। इस प्रकरण के संबंध में केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराने के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन का एलान कर उनके नामों की घोषणा कर दी गई है। प्रदेश महामंत्री एवं विधायक खजानदास की अगुआई में गठित समिति को सभी पहलुओं से जांच-पड़ताल कर जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। फिर इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस बीच विधायक चैंपियन ने दिल्ली प्रवास के दौरान विधायक कर्णवाल के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उधर, रुड़की में पुलिस ने विधायक चैंपियन के समर्थकों की तलाश में कई जगह दबिश दी। इनके खिलाफ विधायक देशराज कर्णवाल की पत्नी ने मामला दर्ज कराया है। दूसरी ओर, विधायक देशराज कर्णवाल भी दिल्ली पहुंच गए हैं। हालांकि, बताया जा रहा कि वह वहां चुनाव प्रचार के लिए गए हैं।
दोनों विधायकों व उनके समर्थकों के बीच छिड़ी रार न थमने पर पार्टी ने अब कड़ा रुख अपनाने की ठानी है। इसी कड़ी में प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने की बात कही। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रमुख डॉ. देवेंद्र भसीन के अनुसार जांच समिति के संयोजक का जिम्मा प्रदेश महामंत्री एवं विधायक खजान दास को सौंपा गया है। दायित्वधारी विश्वास डाबर और प्रदेश मंत्री कुलदीप कुमार सदस्य बनाए गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने समिति को निर्देशित किया है कि वह जांच कर जल्द अपनी रिपोर्ट दे, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
गौरतलब है कि लंबे अर्से से भाजपा विधायकों कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और देशराज कर्णवाल के मध्य जुबानी जंग छिडी है। जिसे सरकार और संगठन की ओर से पूर्व में सुलझा दिया गया था। तब दोनों ने दावा किया था कि अब उनके बीच कोई विवाद नहीं है, लेकिन इसके कुछ घंटे बाद ही दोबारा से जुबानी तीर चलने लगे। इससे सरकार और संगठन दोनों की किरकिरी तो हो रही, विपक्ष को भी बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया है।