कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा ने भाजपा पर लगाये गंभीर आरोप
देहरादून। मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कीर्ति नगर मामले में बड़ा खुलासा किया। दसौनी ने बताया की बीते 27 अक्टूबर 2024 को कीर्तिनगर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत जाखणी ग्राम सभा में जो नाबालिग लड़की को भगाकर ले जाने की घटना घटी वह देवभूमि को शर्मसार करने वाली है।
गरिमा ने कहा कि राज्य में अपराधियों को डबल इंजन की राज्य की भाजपा सरकार और उत्तराखंड पुलिस का कोई डर या भय नहीं दिखाई दे रहा है। दसौनी ने कहा कि क्षेत्र की नाबालिग किशोरी को बहला फुसला कर धर्म परिवर्तन करने का मामला 27 अक्टूबर को प्रकाश में आया। स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा उक्त घटना पर कार्रवाई करते हुए 28 अक्टूबर को कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया।
वहीं 28 अक्टूबर को पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में बीजेपी, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा कीर्तिनगर बाजार में तोड़फोड़ के साथ साथ पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की गई। उक्त घटना में एक स्थानीय युवा भी सम्मिलित पाया गया जिसका नाम पुलिस के द्वारा अपनी प्रेस वार्ता के माध्यम से राकेश भट्ट बताया गया। भट्ट के द्वारा सोशल मीडिया में स्वयं को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का भीमपुरा कोटा का अध्यक्ष बताया गया है। दसौनी ने बताया कि ये व्यक्ति भाजपा का कीर्तिनगर में सक्रिय सदस्य है जिसकी सोशल मीडिया में भाजपा का प्रचार करते हुए कई तस्वीरे भी उपलब्ध हैं।
दसौनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सुनियोजित तरीके से समाज में नफरत फैलाकर हिंदुओं की भावनाओं को भड़का कर चुनाव में फायदा लेने के इरादे से मुट्ठी भर कुत्सित मानसिकता के लोग इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। दसौनी ने कहा कि आज जब हिंदुवादी संगठन का कार्यकर्ता गिरफ्तार किया गया है तो आंदोलन करने वालों को सांप सूंघ गया है।
दसौनी ने आरोप लगाया कि बड़े नेताओं द्वारा युवाओं को भड़काकर उन्हें मोहरा बनाकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। राज्य में सुनियोजित षड्यंत्र के तहत सांप्रदायिक माहौल बनाकर स्वार्थ सिद्धि के प्रयास हो रहे हैं।
दसौनी ने कहा कि चाहे सल्ट से भाजपा का मंडल अध्यक्ष हो, चंपावत का मंडल अध्यक्ष हो, लाल कुआं दुग्ध संघ का अध्यक्ष हो या फिर हरिद्वार बहादराबाद का ओबीसी प्रकोष्ठ का सदस्य हो उपरोक्त सभी नेता महिलाओं के साथ हुए घिनौने अपराधों में मुख्य आरोपी पाए गए हैं और इन सभी के तार सत्ता रूढ़ दल से जुड़े हुए हैं,एक ओर सरकार मूक दर्शक बनी हुई है और लव जिहाद, लैंड जिहाद, थूक जिहाद मामलों के प्रचार प्रसार में व्यस्त है।
दसौनी ने कहा कि पूर्व में उत्तरकाशी के पुरोला में जिस व्यक्ति को अल्पसंख्यक समुदाय का बता कर माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया गया, जाँच पड़ताल करने पर वह व्यक्ति सैनी समुदाय का निकला। गरिमा ने कहा कि उत्तराखंड में कुछ लोग समाज को भ्रमित कर रहे हैं। राज्य सरकार अपराधियों को सजा देने के बजाय लगातार बचाने का काम कर रही है कीर्तिनगर की उक्त घटना में पुलिस द्वारा सभी चारों अपराधियों पर पोक्सो, धर्म परिवर्तन,अपहरण व छेड़खानी की धाराएं लगाई गई है।
दसौनी ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं पर राज्य के नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं और बिना सत्य को जाने परखे हिंदू समाज की भावनाओं को भड़का कर नफ़रत फैलाने का काम न कर रहे हैं।
दसौनी ने सत्यापन जांच पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सत्यापन के नाम पर प्रदेशवासियों की आंखों में धूल झोंकी जा रही है। गरिमा ने राज्य सरकार से कीर्ति नगर मामले में अपराधियों पर कठोर से कठोर सजा दिए जाने की मांग करते हुए कहा की सरकार को अपनी कार्यवाही से ऐसी नजीर प्रस्तुत करनी चाहिए जिससे भविष्य में कभी इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो सके।