कोरोना संकटः जिलाधिकारियों से पल-पल का अपडेट ले रहे मुख्यसचिव उत्पल कुमार सिंह
देहरादून। कोरोना वायरस (कोविड-19) प्रभावित जनपदों के जिलाधिकारियों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव को पल-पल की जानकारी उपलब्ध करवायी जा रही है। इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान की गई व्यवस्थाओं, इससे निपटने के लिए किए गए प्रयासों और भविष्य में किए जाने वाले प्रयासों के संबंध में भी प्रजेंटेशन मुख्य सचिव के सामने रखा गया।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को संदिग्ध तथा सिम्टम्स संभावित व्यक्ति को आइसोलेट करते हुए आवश्यकतानुसार होम क्वॉरेंटाइन तथा इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन करते हुए उनकी पूरी निर्धारित अवधि के दौरान लगातार निगरानी करने के निर्देश देते हुए कहा कि निर्धारित अवधि के भीतर भी यदि संबंधित की रिपोर्ट निगेटिव आती है फिर भी उनको पूरे 14 दिन तक क्वॉरेंटाइन की निगरानी में रखा जाए और लगातार उनका परीक्षण किया जाए।
उन्होंने कोरोना के इलाज के लिए डेडीकेटेड अस्पताल तथा डेडीकेटेड मेडिकल स्टाफ को ही टीम के अनुसार तैनात करने तथा क्वॉरेंटाइन स्थल व होम पर जिम्मेदार अधिकारी को कॉल सेंटर का प्रभारी बनाते हुए दैनिक रूप से प्राप्त फीडबैक को नोटिस करने और तदनुसार उचित कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि वायरस का प्रकोप बढ़ता है तो उस स्थिति को हैंडल करने के लिए मेडिकल प्लान जिसके अंतर्गत जरूरत के अनुसार प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ के साथ ही पर्याप्त संख्या में मेडिकल इक्विपमेंट रखें तथा इसके लिए अस्पताल से लेकर स्टाफ तक की टीमवार वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा। इसके अतिरिक्त उन्होंने जरूरी कमोडिटीज की पर्याप्त व निर्बाध सप्लाई बनाए रखने, दवद.जमबीदपबंस कार्यों के निर्वहन के लिए अलाइट विभागों के कार्मिकों की ड्यूटी लगाने और विभिन्न दायित्वों को अधिक विकेंद्रीकृत करने के लिए रेस्पॉन्सिबिल अधिकारी तैनात करने के निर्देश दिए।
पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने निर्देश दिए कि सभी जनपद अपने यहां जमात में शामिल होने वाले लोगों, माइग्रेट करने वाले मजदूरों और शहर से गांव में आए व्यक्तियों पर विशेष फोकस रखते हुए उनको चयनित करें और निर्धारित अवधि में क्वॉरेंटाइन करवाएं तथा उनके द्वारा भ्रमण किए गए स्थल और उनसे सीधे संपर्क में आए लोगों को भी तय दिशानिर्देशों के अनुरूप क्वॉरेंटाइन करवाएं। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के पोटेंशियल अधिकारियों और कार्मिकों को लिस्टेड करते हुए उनको विभिन्न दायित्व निर्धारित करें ताकि भविष्य में इनकी अगर जरूरत पड़ती है तो आवश्यकतानुसार इनको तैनात किया जा सके।