कोरोना संकट: प्रवासियों को सीएम ने गढ़वाली भाषा में लिखा पत्र, कहा ‘प्रदेश के विकास में सहयोगी बनें प्रवासी’

05_10_2018-05loc-19-c-1_18503303_21337

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोविड-19 के चलते अपनी जन्मभूमि पर लौटे प्रवासी उत्तराखंडियों के स्वस्थ एवं सुखी जीवन की कामना की। उन्हें गढ़वाली भाषा में लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि प्रवासी भाइयों ने देश व विदेश में रहकर अपनी मेहनत से अपनी पहचान बनाई है। सीएम रावत ने अनुरोध किया है कि प्रदेश सरकार सभी की सहायता के लिए कदम उठा रही है। इस लिए अब वह यही कार्य अपने घर गांव में भी कर सकते हैं, इससे उनका परिवार एवं हमारा प्रदेश भी आर्थिक रूप से खुशहाल होगा।

सर्वाधिक पलायन की मार झेल रहे पौड़ी जिले के प्रवासियों को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमारे पूर्वजों ने पहाड़ों को काटकर खेत बनाए, उन खेतों को उपजाऊ बनाकर हमारा पालन-पोषण किया। आज यही खेती हमारी भागमभाग की जिंदगी के कारण बंजर पड़ी है। जबकि हमारे इन खेतों के उत्पादों की मांग देश व दुनिया में हो रही है।

प्रवासी उत्तराखंडियों के लिए गढ़वाली भाषा में लिखा सीएम रावत ने पत्र

हमारे मंडुवा, झंगोरा, दाल, गहत, राई, जौ, तिल, शहद, गाय का घी और बुरांश के जूस की मांग तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए अनेक सुविधाएं दे रही है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि संकट के इस दौर में सभी प्रवासियों को राज्य के साथ मिलकर कार्य करना चाहिए। इससे उनकी आजीविका को बढेगी साथ ही राज्य का विकास भी बेहतर होगा। सीएम रावत ने कहा कि उनकी सरकार सभी लोगों को पूर्ण सहयोग करने के लिए तैयार है।