September 22, 2024

कोरोना: देश में होने वाली मौतों में 65 फीसदी मेल और 35 फीसदी फीमेल, 11 दिन में डबल हो रहे मामले

कोरोना और लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने स्टूडेंट्स, मजदूरों, पर्यटक और तीर्थयात्रियों जैसे लोगों को अपने-अपने राज्यों में जाने के लिए छूट दी है लेकिन इसके लिए राज्यों को कुछ बातों का ख्याल रखना होगा. गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने ये जानकारी दी.

राज्यों को इसके लिए एक नोडल ऑफिसर नियुक्त करना होगा और राज्य एक स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का पालन करेंगे. अपने-अपने राज्यों में वापस जाने वाले लोगों की स्क्रीनिंग होगी और वह बसों के जरिए सड़क मार्ग से जाएंगे. इसके लिए हर राज्य को दूसरे राज्य से आपस में सहयोग करने को कहा गया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा है कि देश में ना सिर्फ डबलिंग रेट बढ़ा है बल्कि रिकवरी रेट में भी सुधार हुआ है. देश में मौतों का परसेंटेज 3.2 प्रतिशत है, जिसमें 65 फीसदी मेल हैं जबकि 35 फीसदी फीमेल हैं.

अब मामले 11 दिन में डबल हो रहे हैं. जितनी भी मौतें हुई हैं, उनमें से 78 फीसदी मामलों में पहले से मरीज को कोई ना कोई बीमारी थी. 

वहीं राज्यों का डबलिंग रेट केंद्र की अपेक्षा बेहतर है. यहां डबलिंग रेट 11 दिन से 20 दिन के बीच चल रहा है. दिल्ली में 11.3 दिन, यूपी में 12 दिन, जम्मू कश्मीर में 12.2 दिन,ओडिशा में 13 दिन, राजस्थान में 17.8 दिन, तमिलनाडु में 19.1 दिन और पंजाब में 19.5 दिन है. 

वहीं कर्नाटक में डबलिंग रेट 21.6 दिन, लद्दाख में 24.2 दिन, हरियाणा में 24.4 दिन, उत्तराखंड में 30.3 दिन, केरल में 37.5 दिन है. 

असम में डबलिंग रेट 59 दिन, तेलंगाना में 70.8 दिन, छत्तीसगढ़ में 89.7 दिन, हिमाचल प्रदेश में 191.6 दिन है. वहीं देश में डबलिंग रेट औसत 11 फीसदी है. 

लॉकडाउन 3 तारीख को खत्म होगा या नहीं, इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया. संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि फिजिकल डिस्टेंसिंग को अब लोगों को अपनी दैनिक दिनचर्या में ढालना होगा. उसी के चलते हम चैन ऑफ ट्रांसमिशन कोरोना संक्रमण को रोक पाएंगे. जिन राज्यों में ज्यादा मामले आ रहे हैं, वहां पर हम सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही कंटेनमेंट जोन बनाकर भी काम करेंगे. 

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देश में कोरोना संक्रमण के मरीजों की जो मौत हुई हैं, उनकी उम्र के लिहाज से एनालिसिस करें तो 45 साल से कम उम्र के मरीजों का डेथ परसेंटेज 14 पर्सेंट है.

45 साल से साठ साल की उम्र के जिन मरीजों की मौत हुई है उनका परसेंटेज 34.8 है. 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की मौत का परसेंटेज 51.2% है. 

यदि 60 साल की उम्र से ऊपर वालों को दो भागों में बांटे तो 60 से 70 साल की उम्र के मरीजों का डेथ परसेंटेज 42% है, जबकि 70 साल से ऊपर के मरीजों का डेथ परसेंटेज 9.2 है.


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