September 22, 2024

कोरोना लॉकडाउन से देश में बिगड़े आर्थिक हालात, हर पांच लोगों में से एक हुआ बेरोजगार

चीनी वायरस कोरोना के संक्रमण पर रोक लगाने के लिए देश में  24 मार्च को  लॉकडाउन लगाया गया था। इस लॉकडाउन का आज 120वां दिन है। हालांकि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पहले अनलॉक-1.0 और अब अनलॉक-2.0 के तहत शर्तों के साथ होटल, मॉल, धार्मिक स्थल समेत कई सार्वजनिक जगह भी खुल चुके हैं। जन जीवन और अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है। हलांकि कोरोना का कोहराम लगातार बढ़ता ही जा रही है।

इन सबके बीच एक सर्वे से चौकाने वाला खुलासा हुआ है। लॉकडाउन में ढील के बाद देश में हर पांचवें व्यक्ति में से एक बेरोजगार हो गया है। ये खुलासा आईएएनएस-सीवोटर कोविड-19 ट्रैकर द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण से हुआ है। आईएएनएस-सीवोटर कोविड-19 ट्रैकर ने अपने सर्वे में 1723 लोगों को शामिल किया गया था। सर्वेक्षण के अनुसार, 21.57 फीसदी लोगों की या तो पूरी तरह छटनी हो गई है या वे बेकार हो गए हैं। सर्वेक्षण से यह भी संकेत मिलता है कि 25.92 फीसदी लोग अभी तक उसी आय या वेतन पर नियमन और सुरक्षा उपायों के तहत काम कर रहे हैं जबकि 7.09 फीसदी लोग घरों से काम कर हैं और उनके वेतन में किसी प्रकार की कटौती नहीं की गई है।

केंद्र सरकार ने 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन कर दिया जबकि अनलॉक की प्रक्रिया एक जून से शुरू हुई। यह सर्वेक्षण 24 जून से 22 जुलाई के दौरान करवाया गया जो परिवार के कमाने वाले प्रमुख सदस्य की स्थिति पर आधारित था। सर्वेक्षण के अनुसार 8.33 फीसदी लोगों की आय घट गई लेकिन वे नियमन व सुरक्षा उपायों के तहत काम कर रहे हैं जबकि आठ फीसदी लोग घरों से काम कर रहे हैं और उनके वेतन में कटौती हुई है या आय कम हो गई है।

सर्वेक्षण से इस बात का भी संकेत मिलता है कि लॉकडाउन में ढील के बाद देश में 6.12 फीसदी लोगों के पास आय का कोई साधन नहीं है जबकि 1.2 फीसदी लोग अभी तक काम कर रहे हैं लेकिन उनको वेतन नहीं मिल रहा है। ताजा सर्वेक्षण के नतीजे और अनुमान सीवोटर द्वारा करवाले गए रोजाना पोल पर आधारित है जिसमें पूरे राज्य से 18 से अधिक उम्र के लोगों को शामिल गया गया है।


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