September 22, 2024

क्या लॉकडाउन का असर? भारत में सबसे धीमी रही एक लाख तक कोरोना की रफ्तार

दुनियाभर में तबाही मचा देने वाला कोरोना वायरस भारत में भी अपनी रफ्तार पकड़ चुका है. मंगलवार को देश में कोरोना के कुल केस की संख्या एक लाख के पार चली गई. दुनिया में भारत ऐसा 11वां देश है, जहां पर कोरोना के कुल मामले एक लाख के पार हुए हैं. वहीं देश में अबतक तीन हज़ार से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई है. लेकिन अगर आंकड़ों पर गौर करें तो भारत में कोरोना वायरस के केस की रफ्तार दूसरे देशों से काफी कम रही है. देश में कुल केस का आंकड़ा एक लाख पहुंचने तक 110 से अधिक दिन लगे हैं.

दुनिया में जब कोरोना वायरस अपना कहर बरपा रहा था, तब दुनियाभर के एक्सपर्ट्स ने भारत को चेताया था. अधिक जनसंख्या और बड़ा देश होने के कारण यहां काफी खतरा था. लेकिन आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि देश में लागू किए गए लॉकडाउन के कारण कोरोना वायरस की रफ्तार काफी कम रही है. एक्सपर्ट्स भी इस बात का जिक्र कर रहे हैं.

भारत में कितने दिन में एक लाख से अधिक हुए आंकड़ें?

देश में कोरोना वायरस का पहला केस 30 जनवरी को आया था, केरल में आए इस केस के बाद करीब डेढ़ महीने तक कोरोना की रफ्तार काफी धीमी रही. लेकिन मार्च के बाद कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आई और पिछले 64 दिनों में कुल केस की संख्या 100 से 1 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है.

हालांकि, ये आंकड़ा अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, फ्रांस जैसे देशों से काफी बेहतर है. जहां कोरोना वायरस ने तबाही मचा दी है, इन देशों में भी मौत का आंकड़ा और कुल केस की संख्या काफी अधिक है. लेकिन यहां केस बढ़ने की रफ्तार भी भारत से काफी तेज़ रही.

100 केस से 1 लाख केस तक का वक्त

भारत – 64 दिन

अमेरिका – 25 दिन

इटली – 36 दिन

यूनाइटेड किंगडम – 42

फ्रांस – 39

जर्मनी – 35

स्पेन – 30

लॉकडाउन ने रोकी कोरोना वायरस की रफ्तार?

भारत जैसे बड़े देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या को लेकर दुनिया चिंतित थी. लेकिन मोदी सरकार की ओर से मार्च महीने में ही लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया गया, जो अपने आप में ऐतिहासिक था क्योंकि 130 करोड़ लोगों को घरों में बंद रखना था. देश में जब पहला लॉकडाउन लागू हुआ यानी 25 मार्च को तब देश में 600 के करीब कुल मामले थे.

अब करीब दो महीने बाद जाकर देश में कुल मामले एक लाख के पार हुए हैं. वहीं दूसरे देशों में एक लाख का आंकड़ा सिर्फ एक महीने से भी कम में पूरा हुआ. ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना है कि लॉकडाउन की वजह से भारत में कोरोना के केस में काबू पाया गया है.

अमेरिका, ब्रिटेन जैसे कई देशों ने अपने देश में लॉकडाउन लागू नहीं किया था. अमेरिका में स्टे एट होम का आदेश जारी था, लेकिन फ्लाइट को नहीं रोका गया था और लोग लगातार पार्क और बाहर घूमते हुए नज़र आए थे. यही कारण रहा कि अमेरिका में एक लाख से पंद्रह लाख केस पहुंचने में ज्यादा वक्त नहीं लगा. अमेरिका में रोज 20 हजार से अधिक मामले सामने आते हैं.


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