September 22, 2024

कोरोना पर रिसर्च में बड़ा खुलासा: भारत में वैज्ञानिकों को मिला अलग तरह का वायरस

चीन के वुहान से चले कोरोना के जानलेवा विषाणु से भारत समेत दुनियाभर के 200 से ज्यादा देशों में हाहाकार मचा है। कोविड 19 वायरस की चपेट में आने से दुनियाभर में 64 लाख से ज्यादा संक्रमित हो चुके हैं जबकि तकरीबन 4 लाख लोगों की जान जा चुकी। वहीं तमाम कोशिशों के बावजूद अबतक इससे निपटने लिए अबतक न को कई दवाई वैज्ञानिक ढूढ़ पाए हैं और न ही कोई वैक्सीन।

इन सबके बीच भारत में कोरोना के वायरस को लेकर वैज्ञानिकों ने बड़ा खुलासा किया है। हैदराबाद स्थित सेलुलर और आणविक जीव विज्ञान के लिये केंद्र (CCMB) के वैज्ञानिकों ने देश में कोविड-19 (Covid-19) से संक्रमित लोगों में एक अलग तरह के कोरोना वायरस (Coronavirus) का पता लगाया है। यह दक्षिणी राज्यों तमिलनाडु और तेलंगाना  में ज्यादातर पाया गया है। वैज्ञानिकों ने वायरस के इस अनूठे समूह को ‘क्लेड ए3आई’ नाम दिया है, जो भारत में जीनोम (जीनों के समूह) अनुक्रम के 41 फीसदी में पाया गया है।

सीसीएमबी ने ट्वीट किया कि भारत में सार्स कोव2 के प्रसार के जीनोम एनालिसिस पर ताजा शोध के परिणाम बताते हैं कि वायरस की आबादी का एक खास क्लस्टर सामने आया है। इसके बारे में अभी तक पता नहीं था, लेकिन भारत में इसकी बहुतायत है। तेलंगाना और तमिलनाडु में यह बहुत ज्यादा है।

ट्वीट में कहा गया कि वैज्ञानिकों का अनुमान है कि फरवरी 2020 में प्रसार के दौरान वायरस के इस क्लस्टर की उत्पत्ति हुई होगी और यह भारत में फैल गया होगा। कोविड-19 वायरस के भारत के सभी जीनों सैंपल में 41 फीसदी सैंपल में इसकी पुष्टि हुई है। पूरी दुनिया की बात करें तो 3.2 फीसदी सैंपल में यह पाया गया है।

आपको बता दें कि सीसीएमबी वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआर) के तहत आता है। इस विषाणु पर किये गये शोध से यह पता चला है कि विषाणु के फरवरी में साझा पूर्वज थे। सीसीएमबी के निदेशक एवं शोध पत्र के सह-लेखक राकेश मिश्रा ने कहा कि तेलंगाना और तमिलनाडु से लिये गये ज्यादातर नमूने क्लेड ए3आई की तरह हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर नमूने भारत में कोविड-19 के प्रसार के शुरूआती दिनों के हैं।

साथ ही राकेश मिश्रा ने कहा कि दिल्ली में पाये गये नमूनों से इसकी थोड़ी सी समानता है, लेकिन महाराष्ट्र और गुजरात (Gujarat) के नमूनों से कोई समानता नहीं है। कोरोना वायरस का यह प्रकार सिंगापुर और फिलीपीन में पता चले मामलों जैसा है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में और अधिक नमूनों का जीनोम अनुक्रम तैयार किया जाएगा तथा इससे इस विषय पर और जानकारी मिलने में मदद मिलेगी। साथ ही, यह भी कहा गया है कि भारत में सार्स-सीओवी2 (SARC Cov-2) के अलग और बहुत अधिक मात्रा में उपलब्ध समूह की विशेषता बताने वाला यह पहला व्यापक अध्ययन है।


WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com