November 24, 2024

कोरोना वैक्सीन: मध्य प्रदेश में बड़ी गड़बड़ी, टीका लेने वाले 1 लाख से ज्यादा लोगों का एक ही मोबाइल नंबर

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कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरा देश त्रस्त है। इस बीच मध्यप्रदेश में टीका लगाने में भारी गड़बड़ी सामने आई है। टेस्ट कराने वाले हजारों लोगों के पते तो फर्जी मिले ही हैं, वहीं कोरोना टीकाकरण  के लिए बने कोविड पोर्टल पर हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स के हजारों नाम एक मोबाइल नंबर पर दर्ज हैं। जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों को दूसरे डोज की जानकारी ही नहीं मिल पाई।

एनडीटीवी के मुताबिक, इस पूरे मामले की जानकारी जब मुख्यमंत्री तक पहुंची तो हड़कंप मच गया। इस पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने एनडीटीवी को बताया कि सूची अलग अलग विभागों से आई थी, हमने ही ये त्रुटि पकड़ी है। ये ह्यूमन एरर है, हमने खुद ही गलती पकड़ी और इसे सही किया है। इस चूक की वजह से टीकाकरण कार्यक्रम बिगड़ा नहीं वो सही चला। जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।

टीकाकरण अभियान की 11 फरवरी को बनी एनएचएम की रिपोर्ट में पता लगा कि राज्य में टीका लगवाने वाले 1,37,454 कर्मचारियों के मोबाइल नंबर का रिकॉर्ड एक जैसा पाया गया है। इनमें 83598 स्वास्थ्यकर्मी, नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के 32422, राजस्व विभाग के 6977, गृह विभाग के 7338 और पंचायती राज विभाग के 119 कर्मचारियों के एक जैसे मोबाइल नंबर मिले हैं। जिलों में इंदौर में 17644, जबलपुर में 11703, भोपाल में 8349 मोबाइल नंबर एक जैसे पाए गए हैं।

राजेश परमार स्वच्छता प्रभारी हैं जिनके फोन नंबर पर सात लोगों के नाम दर्ज हैं, इन्हें पहला डोज लग चुका है। ये स्वच्छता प्रभारी हैं, इनके नंबर पर जिनके नाम दर्ज हैं उन्हें अब 17 तारीख को वैक्सीन की पहली खुराक मिलेगी। वहीं बसंत आगर नगर पालिका में सैनिटेशन इंस्पेक्टर हैं, इनके नंबर पर भी 8 लोगों के नाम दर्ज हैं, उनका कहना है कि कई सफाईकर्मी ऐसे हैं जिनके पास मोबाइल नहीं थे इसलिये उनके नाम के आगे बसंत का ही नंबर लिखा गया। अब समस्या ये है कि इसके कारण से जिसका नंबर दर्ज था उसने मैसेज आने पर टीका लगवा लिया। मगर, दूसरे हेल्थ वर्कर टीका लगवाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते रहे।

वहीं इस मामले पर कांग्रेस ने कहा कि ये बड़ी लापरवाही है, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कानून मंत्री  पीसी शर्मा ने कहा, ‘टेस्ट के मामले में, वैक्सीन के मामले में ढिलाई चल रही है, नाम-पते सब फर्जी नोट हैं, मध्यप्रदेश में एक लाख से अधिक एक नंबर पर ही नोट करवा दिया। मैं समझता हूं एक प्रकार से खिलवाड़ चल रहा है पूरे कोविड 19 को लेकर।’