मजदूरों के शोषण का बहाना नहीं हो सकती कोविड-19 की लड़ाई-श्रम कानून में बदलाव पर राहुल गांधी

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई राज्यों में श्रम कानूनों में संशोधन किए जाने की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कई राज्य श्रम कानूनों में सशोधन कर रहे हैं लेकिन कोविड-19 की लड़ाई मजदूरों के शोषण और उनकी आवाज को दबाने का बहाना नहीं हो सकती। 

कांग्रेस ने कहा कि मजूदरों को असुरक्षित कार्यस्थलों पर काम करने की अनुमति देकर मूल सिद्धांतों पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। कई राज्य श्रम कानूनों में संशोधन करके मजदूरों का शोषण करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन लेकिन यह मानवाधिकारों को कुचलने, असुरक्षित कार्यस्थलों की अनुमति, श्रमिकों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि इन बुनियादी सिद्धांतों पर कोई समझौता नहीं हो सकता है।

‘ढील देना विनाशकारी हो सकता है’

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी कहा कि आर्थिक पुनरुत्थान और प्रोत्साहन के नाम पर श्रम, भूमि और पर्यावरण नियमों को ढील देना खतरनाक और विनाशकारी हो सकता है। उन्होंने ट्वीट किया, “पहला कदम पहले ही उठाया जा चुका है। यह विमुद्रीकरण की तरह एक ठोस उपाय है।”

कांग्रेस कर रही है विरोध

बता दें कि कई राज्यों ने अपने यहां श्रमिकों के लिए कामकाज के घंटे को आठ घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया है। कांग्रेस पिछले कई दिनों से श्रम कानूनों में बदलाव का विरोध कर रही है। श्रम कानूनों में बदलाव की शुरूआत 5 मई को मध्य प्रदेश से हुई थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश और गुजरात ने भी ल श्रम कानूनों में बदलावों की घोषणा कर दी थी।