फाइजर बना रही है फ्रीज में रखने वाली कोरोना वैक्सीन, जानें इसकी खासियत
कोरोना की फाइजर वैक्सीन को लेकर एक गुडन्यूज आई है. वैक्सीन की मंजूरी नहीं बल्कि तापमान को लेकर. अमेरिकी कंपनी फाइजर की वैक्सीन माइनस 70 डिग्री में स्टोर की जाती है. पर भारत के लिए शहर-शहर माइनस 70 डिग्री संभव नहीं है. ऐसे में फाइजर भारत जैसे देशों के तापमान के अनुसार नई वैक्सीन बना रही है. दवा निर्माता कंपनी फाइजर का दावा है कि अपने कोरोना टीके का साधारण फ्रीज में रखने योग्य नया वर्जन बना रही है. आपको फाइजर के इस नए टीके के बारे में बताएंगे उससे पहले आपको बताते हैं कि भारत में वैक्सीन की तैयारी कहां तक पहुंची है?
वैक्सीनेशन के लिए तैयार देश
कोरोना वैक्सीन को लेकर सरकार आश्वस्त है. दावा किया जा रहा है कि बस एक सप्ताह और जब देश को कोरोना वैक्सीन मिल जाएगी. सभी राज्य तैयार हैं. हेल्थवर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर्स के आंकड़े जुटा लिए गए हैं. शुरुआती पहले चरण में करीब 30 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने की प्लानिंग है. बूथ स्तर पर कोरोना वैक्सीन की तैयारी की गई है. हर शहर हर जिले में वैक्सीन के स्टोरेज की तैयारी है. माइनस 20 डिग्री, माइनस 70 डिग्री तक की वैक्सीन को स्टोर करने के लिए उपकरण बना लिए गए हैं.
दिल्ली में कितनी वैक्सीन की जरूरत?
सीएम केजरीवाल ने घोषणा कर दी है कि शुरुआती चरण में करीब 51 लाख लोगों को वैक्सीन दी जाएगी. वैक्सीन लेने वाले फ्रंटलाइनर्स होंगे. दिल्ली में 3 लाख हेल्थ केयर वर्कर, 6 लाख फ्रंट लाइन वर्कर और ऐसे लोग जिनकी उम्र 50 साल से ज्यादा है, उन्हें पहले वैक्सीन दी जाएगी. हर व्यक्ति को दो खुराक दी जाएंगी और दिल्ली में टीकाकरण के पहले चरण में कुल 1.02 करोड़ वैक्सीन की आवश्यकता होगी. दिल्ली में कोविड के 74 लाख वैक्सीन के भंडारण की क्षमता है. पर सीएम केजरीवाल ने कल ही कहा है कि वैक्सीनेशन से पहले 1 करोड़ 15 लाख टीकों के स्टोर किए जा सकेंगे
किन वैक्सीन की मंजूरी मांगी गई है?
भारत में जल्द ही कोविशील्ड, कोवैक्सीन और फाइजर के इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के मुताबिक वैक्सीन की इजाजत मिलते ही वैक्सीन लगनी शुरु हो जाएगी. वैक्सीन लगाने के लिए स्टाफ की ट्रेनिंग शुरु है. वैक्सीन तो लेकर हर गाइडलाइन बताई जा रही है. ट्रेनिंग दी जा रही है.
वैक्सीन को लेकर क्या चुनौतियां?
A) वैक्सीन का स्टोरेज
कोरोना वैक्सीन का स्टोरेज और वैक्सीन को हैंडल करना देश में सबसे बडी़ चुनौती है. हाल ही में अमेरिका के कैलिफोर्निया में फाइजर वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री की जगह माइनस 80 डिग्री में स्टोर की गई थी. गलत तापमान में स्टोरेज की वजह से फाइजर की सारी वैक्सीन को पहले ही दिन कैलिफोर्निया में वापस कर दिया गया क्योंकि माइनस 80 डिग्री पर वैक्सीन के स्टोरेज की कोई स्टडी नहीं की गई थी. वैक्सीन की गुणवत्ता के चलते वैक्सीन आम लोगों को नहीं लगाई जा सकी. कुछ ऐसी ही मुश्किलें हिंदुस्तान के लिए हैं. क्योंकि अगर फाइजर वैक्सीन की मंजूरी मिली तो माइनस 70 डिग्री पर वैक्सीन को स्टोर करना और हैंडल करना बड़ी चुनौती है.
B) वैक्सीन का शेड्यूल
वैक्सीन स्टोरेज के अलावा वैक्सीन का शेड्यूल भी कम चुनौती भरा नहीं होगा. वैक्सीन तभी कारगर होगी जब कम से कम दो वैक्सीन एक नियत समय पर लगे. आपने हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के वैक्सीनेशन के बारे में सुना होगा. अनिल विज ने ट्रायल के दौरान कोवैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी. पर दूसरे डोज लगने से पहले वो कोरोना संक्रमित हो गए. एक्सपर्ट बताते हैं कि वैक्सीन की दो डोज ही असर करेगी. अगर किसी ने 1 डोज ली है और दूसरी डोज नहीं ली है या सही समय पर वैक्सीन नहीं लगवाई है तो हम वैक्सीन के जरिए कोरोना को मात नहीं दे पाएंगे. हर वैक्सीन चाहे वो मॉडर्ना हो, फाइजर-बायोएनटेक और एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन हो दो डोज, तीन से चार सप्ताह के अंतर पर लगाना जरूरी हैं. ऐसे में वैक्सीन लगवाने वालों की स्क्रीनिंग, शेड्यूलिंग, रजिस्ट्रेशन बड़ा टॉस्क है. हालांकि केंद्र सरकार ने Co-WIN नाम का एक ऐसा ऐप बनाया है, जो कोरोना वैक्सीन की पूरी प्रक्रिया पर निगरानी रखेगा,
C) वैक्सीन लेने के बाद रिएक्शन
हाल ही में ब्रिटेन और अमेरिका में कुछ वैक्सीन लेने वाले लोगों में एलर्जी जैसी समस्या आई थी. कुछ लोगों ने सूजन जैसी समस्याएं भी बताई थी. ऐसे में हिंदुस्तान में वैक्सीन लगने के बाद लोगों में रिएक्शन पर नजर रखना भी जरूरी होगा. सरकार के प्लान के मुताबिक वैक्सीन लेने के आधे घंटे तक लोगों को निगरानी में रखा जाएगा ताकि किसी भी तरह की एलर्जी या फिर दूसरी समस्याओं से निपटा जा सके
सामान्य तापमान वाली फाइजर की नई वैक्सीन
एक आशंका जो हर किसी के मन में है वो है फाइजर वैक्सीन के तापमान को लेकर. ब्रिटेन, अमेरिका के अलावा फाइजर वैक्सीन कई देशों में आम नागरिकों को लगाई जाने लगी है. पर भारत के लिए फाइजर ने एक अच्छी खबर सुनाई है.फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बोरला ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि कंपीन एक नए फॉर्मूलेशन पर काम कर रही है, जिसे माइनस 70 डिग्री पर स्टोर करने की जरूरत नहीं होगी. वैक्सीन को सामान्य रेफ्रिजरेशन में रखा जा सकता है
बहरहाल हर आशंकाओं को स्वीकार करते हुए भारत में युद्धस्तर पर वैक्सीनेशन के लिए काम चल रहा है. स्वास्थ्यमंत्री ने सही ही कहा है भारत का बहुत बुरा समय अब टल गया है. कोरोना की जंग से जीतना हिंदुस्तान के लिए बस चंद कदम दूर है.