भाकपा माले ने कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को बर्खास्त करने की उठाई मांग
देहरादून। भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल द्वारा सरेआम सड़क पर मारपीट करना शर्मनाक और निंदनीय घटना है। सरकार और उसके मंत्रियों का काम प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाना है, लेकिन जब कैबिनेट मंत्री खुद सड़क पर सड़कछाप अंदाज में मारपीट करने पर उतारू हों तो राज्य में कानून व्यवस्था का जनाज़ा उठने से कौन रोक सकता है?
उन्होंने प्रेस को जारी बयान में कहा कि कैबिनेट मंत्री के साथ मौजूद पुलिस कर्मियों का आचरण भी निंदनीय है. वीडियो में वे व्यक्ति को रोकने या गिरफ्तार करने का प्रयास करते नहीं दिख रहे हैं बल्कि सीधा मारपीट करते नज़र आ रहे हैं। वीआईपी सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मियों का काम सुरक्षा करना है, हिंसा या मारपीट नहीं। मारपीट में शामिल पुलिस कर्मियों को तत्काल निलंबित किया जाए
इन्द्रेश मैखुरी ने कहा कि तहरीर में नाम होने के बावजूद मंत्री का नाम न लिखना, पुलिस की विधि विरुद्ध एवं पक्षपातपूर्ण कार्यवाही है।
यह हैरत की बात है कि राज्य की पुलिस, कैबिनेट मंत्री को ही अज्ञात लिख रही है! तहरीर में नाम होने के बावजूद जो पुलिस, मंत्री को नामजद नहीं कर रही है, उससेे यह कैसे अपेक्षा की जा सकती है कि वह प्रेम चंद्र अग्रवाल के खिलाफ कोई कार्यवाही करेगी?
उन्होंने कहा कि विधानसभा में बैक डोर भर्ती हो, अपने पुत्र को उपनल के जरिये नियुक्त करवाना हो या 2019 में अपनी पार्टी के कार्यकर्ता से सार्वजनिक रूप से अभद्र भाषा का आदान-प्रदान हो, प्रेम चंद्र अग्रवाल हमेशा गलत वजहों से चर्चा में रहते हैं। सार्वजनिक रूप से मारपीट करके तो उन्होंने सारी हदों को पार कर दिया और मंत्री पद की गरिमा को भी तार-तार कर दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा दोनों को ही स्पष्ट करना चाहिए कि ऐसे विवादित और असंयमी व्यवहार के व्यक्ति को वे क्यों ढो रहे हैं और जनता को भी झेलने को मजबूर क्यों कर रहे हैं? ऐसी क्या मजबूरी है कि तमाम विवादों के बाद भी प्रेमचंद्र अग्रवाल भाजपा और पुष्कर धामी के लिए जरूरी हैं? उन्होंने कहा कि भाकपा माले मांग करती हैं कि प्रेम चंद्र अग्रवाल को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए।