September 22, 2024

यूपी में अब बलात्कारियों और दंगाइयों की खैर नहीं, यहां पढ़ें CRPC संशोधन विधेयक की बड़ी बातें

यूपी में दंगाई, बलात्कारी और बलवाई अब जान की भीख मांगेंगे. महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ होगे गंभीर अपराधों को रोकने के लिए योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. विधानसभा में शुक्रवार को  CRPC यानी ‘दंड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन ) विधेयक 2022 पारित कर दिया, जिसके तहत अब बलात्कारियों को अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी.

बलात्कारियों को अब अग्रिम जमानत नहीं

विधेयक के प्रावधान के तहत अब रेप के आरोपियों को अब अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी. इस संशोधन विधेयक में CRPC की धारा 438 में बदलाव के साथ ही पॉक्सो एक्ट और 376, 376-A, 376 -AB, 376 -B, 376-C, 376-D,376-DA, 376-DB, 386-E की धाराओं में आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं देने का प्रावधान किया गया है.

दंगाइयों से ही की जाएगी नुकसान की भरपाई

इसी के साथ विधानसभा में उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (संशोधन) विधेयक 2022 को भी पारित किया गया.
इस विधेयक में हड़ताल, दंगा और उपद्रव में सार्वजनिक और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की उपद्रवियों से ही  वसूली की जाएगी. साथ ही दंगाइयों पर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा.

दंगा फैलाने वाले से वसूला जाएगा 5 लाख मुआवजा

विधेयक के प्रावधान के तहत  यदि दंगा, हिंसा या उपद्रव की वजह से किसी की मौत होती है तो दंगा फैलाने वाले से कम से कम पांच लाख रुपया मुआवजा वसूल किया जाएगा. साथ ही पीड़ित परिवार चाहे तो दंगाई से इससे ज्यादा पैसा भी मुआवजे के तौर पर मांग सकता है. यही नहीं  हड़ताल, दंगा, उपद्रव या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवी से नुकसान की वसूली की जाएगी.

अभी विधान परिषद और राज्यपाल की मंजूरी मिलना बाकी

दोनों बिल विधानसभा से पास हो चुके हैं लेकिन अभी विधान परिषद और फिर राज्यपाल से इन विधेयकों को मंजूरी मिलना बाकी है. वहां से मंजूरी मिलने के बाद ये दोनों बिल कानून बन जाएंगे.

एक नजर में यहां समझें

. शुक्रवार को यूपी विधानसभा में सीआरपीसी संशोधन विधेयक पारित किया गया.

. विधेयक के तहत अब बलात्कारियों को अब अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी.

. इसके अलावा  लोक संपत्ति क्षति वसूली विधेयक को भी विधासनभा में पास किया गया.

. जिसके तहत दंगा करने वाले दंगाईयों और उपद्रवियों पर कम से कम पांच लाख रुपये का जुर्माना लगेगा.

. अगर दंगा, हिंसा या उपद्रव की वजह से किसी की मौत होती है तो दंगा फैलाने वाले से कम से कम पांच लाख रुपया मुआवजा वसूल किया जाएगा.

. साथ हीपीड़ित परिवार चाहे तो दंगाई से इससे ज्यादा पैसा भी मुआवजे के तौर पर मांग सकता है.

. इसी के साथ हड़ताल, दंगा, उपद्रव या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवी से नुकसान की वसूली की जाएगी.

. दोनों बिल विधानसभा से पास हो चुके हैं लेकिन अभी विधान परिषद और फिर राज्यपाल की मंजूरी की विधायी प्रक्रिया बाकी है.


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