दागी नेताओं की बढ़ेंगी मुश्किलें, मोदी सरकार शुरू करेगी 12 नई अदालतें
दागी सांसद और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमों को जल्द निपटाने के मामले में मंगलवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। केंद्र ने अपने हलफनामें में कहा है कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों के तेज़ निपटारे के लिए 12 विशेष कोर्ट बनेंगे। मुकदमों के जल्द निपटारे को लेकर स्किम बना ली गई है। केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कर बताया कि इसके लिए 7.80 करोड़ रुपए आवंटित किए जा रहे हैं।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दागी सांसद और विधायकों के खिलाफ लंबित मुकदमों को एक वर्ष के भीतर निपटाने को देश हित में बताते हुए केंद्र सरकार को विशेष अदालतों का गठन करने के लिए कहा था। कोर्ट ने इन विशेष अदालतों का गठन फास्ट ट्रैक कोर्ट की तर्ज करने को कहा था। ताकि सांसद और विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों का जल्द निपटारा किया जा सके।
इस साल 1 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि उसके 10 मार्च 2014 के फैसले के पालन के लिए सरकार क्या कर रही है। तब कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मुकदमों का निपटारा 1 साल के भीतर होना चाहिए। पिछले महीने एक मामले की सुनवाई के दौरान जब सरकार ने सज़ायाफ्ता जनप्रतिनिधियों के चुनाव लड़ने पर आजीवन पाबंदी की मांग पर सहमति जताई। तब कोर्ट ने सरकार से पूछ लिया था कि अभी लंबित मुकदमों के तेज़ निपटारे के लिए उसकी क्या योजना है।