भारत की बड़ी कामयाबी, 17 हजार फीट की ऊंचाई पर चीनी सीमा तक सड़क बनकर तैयार

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कोरोना वायरस के इस लॉकडाउन दौर में भारत ने पिथौरागढ़ से लगी चीन सीमा तक सड़क बनाने में सफलता पा ली है. शुक्रवार को नई दिल्ली से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सड़क का ऑनलाइन उद्घाटन भी कर दिया है.

दरअसल, कैलाश-मानसरोवर यात्रा मार्ग के रूप में प्रसिद्ध धारचूला से लिपुलेख (चीन सीमा) तक बीआरओ द्वारा निर्मित सड़क राष्ट्र को समर्पित हो गई है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सड़क का उद्घाटन करते हुए कहा कि चीन सीमा तक सड़क बनने से देश मजबूत हुआ है.

भारत को कामयाबी, 17 हजार फीट की ऊंचाई पर चीनी सीमा तक सड़क बनकर तैयार
भारत को कामयाबी, 17 हजार फीट की ऊंचाई पर चीनी सीमा तक सड़क बनकर तैयार

दरअसल, कैलाश-मानसरोवर यात्रा मार्ग के रूप में प्रसिद्ध धारचूला से लिपुलेख (चीन सीमा) तक बीआरओ द्वारा निर्मित सड़क राष्ट्र को समर्पित हो गई है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सड़क का उद्घाटन करते हुए कहा कि चीन सीमा तक सड़क बनने से देश मजबूत हुआ है.

भारत को कामयाबी, 17 हजार फीट की ऊंचाई पर चीनी सीमा तक सड़क बनकर तैयार

राजनाथ सिंह ने कहा कि सड़क बनने से कैलाश मानसरोवर यात्रा सुगम होगी और सेना, आईटीबीपी, एसएसबी के जवान अग्रिम चौकियों तक वाहनों से पहुंच सकेंगे. यह सड़क सामरिक और धार्मिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है. हमारी सेना को भी अब चीन सीमा तक पहुंचने में आसानी होगी. 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बारे में ट्वीट कर भी जानकारी दी है.

इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी उपस्थित थे. इसके अलावा कैलाश मानसरोवर की यात्रा भी अब आसान होगी.

बीआरओ ने 80 किलोमीटर की इस सड़क से धारचूला को लिपुलेख से जोड़ा है. यह विस्तार 6000 से 17060 फीट की ऊंचाई पर है.

भारत को कामयाबी, 17 हजार फीट की ऊंचाई पर चीनी सीमा तक सड़क बनकर तैयार

बता दें कि जनपद पिथौरागढ़ के तहसील धारचूला के ब्यास घाटी के उच्च हिमालयी क्षेत्र के इस सड़क का निर्माण कार्य बीआरओ द्वारा पूरा किया गया है. 2003 में बीआरओ को इस सड़क के निर्माण का जिम्मा सौंपा गया था. यहां की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण निर्माण कार्य अब पूरा हुआ है.