राजनीतिक उठापटक में फंसा ऋषिकेश का जानकी पुल, उनियाल ने कहा जल्द होगा पूरा
योग नगरी ऋषिकेश के विकास में मील का पत्थर साबित होने वाले जानकी पुल राजनीतिक खींचतान के चलते अधूरा पड़ा है. 2013 में शुरू हुए पुल का काम 2016 में बंद कर दिया गया था एक जांच के नाम पर यह शुरू ही नहीं हो पाया. हालांकि कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि जल्द ही यह पुल स्वीकृत होगा.
साल 2013 में 35,45,53,000 की लागत में यह पुल स्वीकृत हुआ था. साल 2016 तक इस पर 32 करोड़ रुपये खर्च भी हो चुके हैं. काम बंद होने के बाद समय बढ़ने के साथ ही इसकी लागत 35 करोड़ से बढ़कर 50 करोड़ पहुंच गई है.
लोक निर्माण विभाग नरेन्द्रनगर ने जानकी सेतु के निर्माण का काम हिलवेज कम्पनी को दिया था. जानकी सेतु को अर्द्धकुम्भ 2016 में बनकर तैयार हो जाना था लेकिन प्रोजेक्ट की डेडलाइन दो बार बढ़ चुकी है. विभाग और निर्माण कम्पनी के सुस्त रवैये और राजनीतिक कारणों के कारण पुल के पिलर ही तैयार हो पाए.
जानकी पुल को प्रदेश के कृर्षि मंत्री सुबोध उनियाल का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है और यह भी कहा जाता है कि हरीश रावत सरकार में हुए राजनीतिक उठापटक के बाद पुल का काम रोक दिया गया और इसके निर्माण कार्यों में कथित धांधली की जांच के लिए जांच बैठा दी गई थी.
विपक्षी दल कांग्रेस समेत कई सगठन समय-समय पर जानकी पुल निर्माण को लेकर धरना प्रदर्शन करते रहे हैं लेकिन पुल का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. इस मामले में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि उनकी जानकी पुल के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री से बात हुई है.
उनियाल के अनुसार उन्होंने सीएम से मांग की है कि किसी आईएएस अधिकारी के अगुवाई में इंजीनियर की टीम बना कर जांच जल्द पूरी कर ली जाए. जांच में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाए, लेकिन पुल के निर्माण को न रोका जाए. सुबोध उनियाल यह भी दावा करते हैं कि जानकी पुल इस वर्ष सितम्बर अक्टूबर तक बनकर तैयार हो जाएगा.