September 22, 2024

राजधानी दिल्ली में हवा की हालत खराब, 337 तक पहुंचा एक्यूआई; बजी खतरे की घंटी

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ठंड बढ़ने के साथ-साथ वायु प्रदूषण का संकट बरकरार है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता मंगलवार को ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। यहां सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के मुताबिक, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 337 दर्ज किया गया। वहीं, इससे पहले सोमवार को, राष्ट्रीय राजधानी में एक्यूआई 347 पर दर्ज किया गया था।

वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक सोमवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 347 दर्ज किया गया। ग्रेटर नोएडा में सूचकांक सर्वाधिक 350 जबकि गाजियाबाद में न्यूनतम 281 दर्ज किया गया। एनसीआर के दूसरे शहरों में भी हवा खराब या बेहद खराब रही।

इससे पहले रविवार को प्रदूषण के डार्क रेड जोन में जाने के बाद केंद्रीय वायु गुणवत्ता आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली और एनसीआर के शहरों में ग्रैप का तीसरा चरण लागू करने के दिशानिर्देश जारी किए थे। सोमवार को दिल्ली सरकार ने इस बाबत आदेश जारी किया है। परिवहन विभाग के आदेश के अनुसार, ग्रैप का तीसरा चरण लागू होने के बाद भी तत्काल प्रभाव से बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारों के सड़कों पर चलने पर रोक लगा दी गई है।

ठंड बढ़ने के साथ कोहरे और धुंध की समस्या लोगों के सामने खड़ी हो गई। सफर के मुताबिक, दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार ‘बेहद खराब’ श्रेणी की बनी हुई है। जिस हिसाब से दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता देखने को मिल रही है, उससे साफ है कि लोगों को आने वाले समय काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, वैसे वैसे कोहरे के साथ धुंध का प्रकोप होगा। दिल्ली में एक समय तो एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार पहुंच गया था।

बता दें कि 0 से 100 तक का वायु गुणवत्ता सूचकांक अच्छा माना जाता है, जबकि 100 से 200 तक मध्यम, 200 से 300 तक खराब, 300 से 400 तक बहुत खराब और 400 से 500 या इससे ऊपर गंभीर माना जाता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक लोगों को वायु गुणवत्ता की स्थिति को प्रभावी ढंग से समझने के लिए एक उपकरण है जो समझने में आसान है।


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