November 21, 2024

अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत, CBI के केस में सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत

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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की CBI मामले में जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को फैसला आ गया है। कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत दी है। जस्टिस सूर्यकांत और उज्जवल भुइयां की पीठ ने केजरीवाल को जमानत दे दी है। केजरीवाल को CBI के मामले में जमानत मिली है। बता दें कि ED वाले मामले में केजरीवाल को पहले ही जमानत मिल चुकी है। वह CBI के मामले में जेल में बंद थे, जिसपर आज फैसला आ गया है।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की CBI मामले में जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को फैसला आ गया है। कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत दी है। जस्टिस सूर्यकांत और उज्जवल भुइयां की पीठ ने केजरीवाल को जमानत दे दी है। केजरीवाल को CBI के मामले में जमानत मिली है। बता दें कि ED वाले मामले में केजरीवाल को पहले ही जमानत मिल चुकी है। वह CBI के मामले में जेल में बंद थे, जिसपर आज फैसला आ गया है।

क्या बोले जज?

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस भुइयां ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल को ईडी मामले में जमानत दे दी गई थी और सीबीआई मामले में आगे हिरासत में रखना पूरी तरह से अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है।  मुकदमे की प्रक्रिया या गिरफ्तारी के कदम उत्पीड़न नहीं बनने चाहिए। जस्टिस भुइयां ने कहा कि सीबीआई की गिरफ्तारी अनुचित है और इसलिए केजरीवाल को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। हालांकि, जस्टिस सूर्यकांत ने केजरीवाल की सीबीआई गिरफ्तारी को सही ठहराया है।

कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुईयां की बेंच केजरीवाल की दो याचिकाओं पर फैसला सुनाने वाली थी। पहली CBI मामले में दाखिल जमानत याचिका और दूसरी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला आने वाला था। मामले में 5 सितंबर को पिछली सुनवाई हुई थी, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने केजरीवाल को राहत देने के संकेत दिए थे। हालांकि, कोर्ट ने ये भी कहा था कि वो दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही फैसला सुनाएगी।

केजरीवाल के वकील की दलील

केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि केजरीवाल को रेगुलर जमानत मिलनी चाहिए क्योंकि जान बूझकर उनकी गिरफ्तारी की गई। सीबीआई की FIR में पहले उनका नाम तक नहीं था। बाद में एफआईआर में उनका नाम जोड़ा गया। केजरीवाल को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने से रोका जा रहा है। ऐसे में सीबीआई ने केजरीवाल की जो गिरफ्तारी की है, वो सही नहीं है। सिर्फ एक गवाही को आधार बनाकर उनकी गिरफ्तारी की गई है। नॉन अरेस्ट को गिरफ्तारी के मामले में बदल दिया गया। दोबारा गिरफ्तारी से पहले नोटिस भी नहीं दिया गया।

CBI ने क्या दलील दी

वहीं, CBI ने कहा कि केजरीवाल शराब घोटाले में मुख्य आरोपी हैं। उनके खिलाफ सबूत हैं। केजरीवाल सांप-सीढ़ी का खेल खेल रहे हैं। सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका सही नहीं है। किसी भी संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन नहीं हुआ है। जांच के आधार पर मजिस्ट्रेट ने गिरफ्तारी की मंजूरी दी थी। 21 मार्च को ED ने केजरीवाल को गिरफ्तार किया था, उसके बाद से वो जेल में हैं। हालांकि, लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें प्रचार के लिए तीन हफ्ते के लिए जमानत मिली थी।