September 22, 2024

नोटबंदी के 5 साल हुए पूरे, विपक्ष ने केंद्र पर साधा निशाना

नोटबंदी की पांचवीं बरसी पर विपक्ष ने रविवार को केंद्र पर हमला किया। 8 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अभूतपूर्व टेलीविज़न संबोधन में घोषणा की कि 500 रुपये और 1,000 रुपये के उच्च मूल्य के मुद्रा नोट अब कानूनी निविदा नहीं होंगे।

सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने हिंदी में लिखा, “अगर विमुद्रीकरण सफल रहा तो भ्रष्टाचार समाप्त क्यों नहीं हुआ? काला धन वापस क्यों नहीं आया? कैशलेस अर्थव्यवस्था क्यों नहीं है? आतंकवाद का सफाया क्यों नहीं कर दिया गया है? मुद्रास्फीति को नियंत्रित क्यों नहीं किया जाता है?”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने विमुद्रीकरण की कवायद को “बुरा सोचा और खराब तरीके से लागू किया गया निर्णय” बताया।

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने भी इस कदम पर सवाल उठाया और आरोप लगाया कि इसने “अनौपचारिक क्षेत्र को खत्म कर दिया”।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “अर्थव्यवस्था एक पूंछ में, सबसे गरीब को चोट लगी। अनौपचारिक क्षेत्र का क्षय हुआ। कोई काला धन नहीं बरामद हुआ, लेकिन अमीर और अमीर हो गए। अर्थव्यवस्था में नकदी अब तक की सबसे अधिक है! इस सरकार को सिर्फ एक आदमी की सनक के लिए भारत को नीचे की ओर धकेलने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”

 


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