भगवती नगर आधार शिविर बाबा भोले के भक्तों से गुलजार हो गया है। बाबा के जयघोष से पूरा इलाका गूंज रहा है। पूरे आधार शिविर और आस पास के इलाकों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
अब तक देशभर में दो लाख से अधिक भक्तों ने बाबा बर्फानी के दर्शन को पंजीकरण कराया है। यात्रा का समापन रक्षा बंधन पर 26 अगस्त को होगा। पिछले साल 2.60 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई थी।
28 जून से यात्रा शुरू होगी। पहली बार यात्रा में शामिल होने वाले सभी वाहनों की ट्रैकिंग होगी। इसके लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) टैग वाहनों पर लगाए जाएंगे। सीआरपीएफ का मोटरसाइकिल दस्ता भी सुरक्षा में सक्रिय रहेगा।
यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस, पैरामिलिट्री, एनडीआरएफ व सेना के 40 हजार जवानों को सुरक्षा में लगाया गया है। आईजी जम्मू एसडी सिंह जमवाल का कहना है कि यात्रा की सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था की गई है। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने की हर संभव तैयारियां हैं।
अमरनाथ यात्रा को देखते हुए सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसके तहत प्रमुख मंदिरों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड तथा अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। हाईवे के साथ ही जिस मार्ग से यात्रा गुजरेगी वहां जवानों की तैनाती है।
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए बालटाल और पहलगाम दोनों ही रूट से रोजाना साढ़े सात-सात हजार यात्रियों को दर्शन के लिए भेजा जाएगा। पहलगाम से पवित्र गुफा की दूरी 36 किमी है जबकि बालटाल से 12 किमी। यात्री दोनों ही रूट से हेलीकाप्टर से भी जा सकते हैं।
राज्यपाल और अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष एनएन वोहरा ने मंगलवार को यात्रियों के अग्रिम पंजीकरण की समीक्षा की। इस दौरान बताया गया कि एक मार्च से शुरू हुए पंजीकरण में अब तक 211994 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराए हैं।
इनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली, राजस्थान व हरियाणा के सबसे अधिक श्रद्धालु हैं। समीक्षा में यह भी सामने आया कि श्रद्धालुओं ने बालटाल की बजाय पहलगाम रूट को अधिक महत्व दिया है।
225 ग्रुप ने भी पंजीकरण कराया है। सीईओ उमंग नरूला ने बताया कि नीलग्राथ-पंजतरणी रूट के लिए 1600 व पहलगाम-पंजतरणी के लिए 2751 रुपये हेलीकाप्टर का एक तरफ का किराया है। किराए में सभी तरह का कर शामिल है।