September 21, 2024

EXCLUSIVE: डॉ हरक व रेखा की होगी छुट्टी, साफ कैबिनेट चाहते हैं त्रिवेंद्र

दिल्ली/देहरादून: सरकार के 4 साल पूरे होने पर त्रिवेंद्र सरकार एक बड़ा फेरबदल करने जा रही है। जिसके लिए कुछ दिन पूर्व दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से सीएम रावत ने मुलाकात की थी। जिसमें सीएम रावत ने प्रदेश में हो रहे विकास कार्यों व कैबिनेट विस्तार पर विधिवत चर्चा की थी।

इस दौरान त्रिवेंद्र रावत ने आलाकमान को साफ करते हुए कहा, कि सत्ता वापसी के लिए जीरो टॉलरेंस की थ्योरी में कांग्रेस से बीजेपी में आए डॉ हरक सिंह रावत और रेखा आर्य आड़े आ रहे हैं। लगातार इन कैबिनेट मंत्रियों पर पक्ष व विपक्ष हमला बोल रहा है, जिससे जीरो टॉलरेंस सरकार पर इनकी परिछाई पड़ने से जनता के बीच संदेश सही नही जा रहा है।

उधर, लंबे समय से तीन कैबिनेट मंत्रियों के पद भी खाली है। सरकार की कोशिश रही है कि जनता से जुड़े सभी विकास कार्यों को लेकर कोई भी परेशानी ना हो और योजनाएं धरातल पर उतरे। जिसको लेकर सरकार कई बार ये भी साफ कर चुकी है कि, ‘डेवलेपमेंट पॉलिटिक्स’ से बढ़कर कुछ भी नही है।

साथ ही सीएम रावत ने अपने शपथ ग्रहण के दिन ही साफ कर दिया था कि वह जीरो टॉलरेंस की नीति पर ही काम करेंगे। जिसका असर प्रदेश में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। लेकिन आए दिन कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत व राज्य मंत्री रेखा आर्य की कार्यप्रणाली से सीएम रावत नाखुश रहे हैं। यही वजह है कि सीएम रावत ने कई मौकों पर इन दोनों मंत्रियों के विभागों मे हस्ताक्षेप कर विकास को धार दी।

ताजा प्रकरण डॉ हरक सिंह रावत के श्रम कल्याण बोर्ड में आ रही अनियमितताओं का है जहां बजट खर्च और प्रशासनिक मामलों को लेकर सीएम रावत ने स्पेशल ऑडिट का आदेश दिया था। इसको लेकर हरक सिंह रावत को अध्यक्ष पद से भी हटाया गया था। साथ ही नवगठित बोर्ड में 38 कर्मचारियों को भी तत्काल प्रभाव से निकाल दिया था। इन कड़े फैसलों को हरक सिंह रावत के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

वहीं रेखा आर्य के कार्यकाल के दौरान पशुपालन विभाग में भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड में घपलों का मामला सामने आया था। जिसके बाद से सीएम रावत ने आलाकमान को भी दोनों मंत्रियों के कामकाज की जानकारी से अवगत करा दिया था। जिसके बाद दिल्ली ने भी सीएम रावत को अपने कैबिनेट विस्तार व दोनों मंत्रियों के भाग्य के फैसले को राज्य में होने वाली कोर ग्रुप की बैठक पर छोड़ दिया था।

सूत्रों की माने तो दिल्ली आलाकमान से सीएम रावत को हरी झंडी मिल गयी थी जिसमें तय किया गया कि केंद्रीय पर्यवेक्षकों के नेतृत्व में एक बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें कैबिनेट विस्तार व असंतुष्ट विधायकों के भाग्य का फैसला भी किया जाएगा।

बीजेपी को सत्ता वापसी के लिए स्थाई एवं जीरो टॉलरेंस सरकार की नीति पर ही चलना चाहती है। जिसमें 2022 विधानसभा चुनाव त्रिवेंद्र रावत के नेतृत्व में लड़ने के साथ-साथ त्रिवेंद्र रावत को फ्री-हैंड देने पर भी निर्णय लिया जाएगा। वहीं दिल्ली बीजेपी सूत्रों की माने तो उत्तराखंड कोर ग्रुप की बैठक में दोनों मंत्रियों डॉ हरक सिंह रावत और रेखा आर्य को कैबिनेट पद से हटाने और तीन अन्य कैबिनेट पदों पर नए मंत्रियों को कार्यभार सौंपने को लेकर चर्चा की जाएगी।

18 मार्च को त्रिवेंद्र सरकार के 4 साल पूरे होने जा रहे हैं, जिसको लेकर प्रदेश की सभी विधानसभाओं में “विकास के 4 साल: बातें कम काम ज्यादा” कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। त्रिवेंद्र रावत प्रदेश के दूसरे ऐसे मुख्यमंत्री होने जा रहे हैं जो सीएम पद के 5 साल पूरे करने जा रहे हैं।    


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