September 22, 2024

भाजपा का विपक्ष पर पलटवार, कहा- न्यू इंडिया में करप्शन के लिए कोई जगह नहीं

शिवसेना सांसद संजय राउत पर प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई से बौखलाए विपक्ष पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा नेता ने कहा है कि नए भारत में करप्शन के लिए कोई जगह नहीं है। भाजपा नेता ने मामले को लेकर विपक्ष से पूछा कि वे सांसद हैं, क्या इसका मतलब है कि उनके खिलाफ जांच नहीं होनी चाहिए?

दरअसल, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोमवार को विपक्ष के हंगामे और आरोपों को लेकर जमकर निशाना साधा. साथ ही उन्होंने विपक्ष से कई सवाल भी पूछे। उन्होंने पूछा कि संजय राउत में ये भावना क्यों है? वह एक सांसद है। क्या इसका मतलब यह है कि उसके खिलाफ जांच नहीं होनी चाहिए? ये न्यू इंडिया है। लोगों की गाढ़ी कमाई पर भ्रष्टाचार किया गया है तो इस मामले में केंद्र सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है, हर तरह के भ्रष्टाचार की जांच कराई जाएगी।

ये कोई ताजा मामला नहीं: संबित पात्रा

संबित पात्रा ने पूछा कि क्या भ्रष्टाचार की जांच विभिन्न एजेंसियों से नहीं कराई जानी चाहिए? क्या ईडी को उन मामलों की जांच नहीं करनी चाहिए जहां हजारों करोड़ का घोटाला हुआ? जहां तक संजय राउत और पात्रा चॉल का सवाल है, यह कोई ताजा मामला नहीं है बल्कि 14-15 साल से चल रहा है।

संबित पात्रा ने कहा कि करीब 680 परिवारों के घर नहीं बने। कोई उनके बारे में पता लगाने की कोशिश नहीं कर रहा है। विपक्ष को उनके बारे में पता लगाना चाहिए और उनके दर्द के बारे में जानना चाहिए। यह एक हजार करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा मामला है। ईडी इसकी जांच कर रही है।

कोर्ट ने संजय राउत को रिमांड पर सौंपा

शिवसेना सांसद संजय राउत को कोर्ट ने चार दिन की ईडी को रिमांड पर सौंप दिया है। ईडी उनसे पात्रा चॉल मामले के बारे में पूछताछ करेगी। वह अब 4 अगस्त क ईडी की हिरासत में रहेंगे। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने 16 घंटे की लंबी पूछताछ के राउत को रविवार को गिरफ्तार किया था। ईडी ने संजय राउत को पात्रा चॉल भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि संजय राउत के घर से ईडी को 11.5 लाख रुपए मिले हैं। संजय राउत से ईडी उन पैसों की जानकारी मांग रही है कि आखिर ये पैसे किसके है और कहां से आए हैं? ईडी के एक बड़े अधिकारी ने बताया की इन पैसों से जुड़े सवाल का जवाब नहीं दे पाए थे।

क्या है पात्रा चॉल केस

पात्रा चॉल घोटाला मुंबई के उपनगरीय इलाके गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर का है। यह इलाका पात्रा चॉल के नाम से लोकप्रिय है। यह 47 एकड़ में फैला है, जिसमें कुल 672 घर हैं। इसी पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना में धांधली के मामले की जांच अब ईडी के हाथों में है। पुनर्वास का ठेका गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (GACPL) को दे दिया था। लेकिन, 14 साल बाद भी लोगों को घर नहीं मिला है।


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