सरकारी सामग्री लौटाकर विरोध प्रकट करेंगे उर्जा कर्मी
देहरादू। निगम प्रबंधन के अडियल रूख के बाद उत्तराखण्ड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने खुली लडाई का एलान कर दिया है। कर्मचारी अधिकारी मोर्चा का कहना है कि ऊर्जा के तीनों निगमों के कार्मिक अपनी विभिन्न कार्मिक समस्याओं के समाधान के लिए जो समझौता हुआ था उसका पालन नहीं किया जा रहा है।
सोमवार को मोर्चा के मीडिया प्रभारी दीपक बेनीवाल ने बयान जारी करते हुये कहा कि पूर्व में हुये समझौतों के पालन न करने से कर्मचारियों और अधिकारियों में निगम प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश पनप रहा है। जिसके क्रम में 23 जनवरी से मोर्चा आन्दोलनरत है। लेकिन इसके बावजूद भी निगम प्रबंधन नीद में है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित आन्दोलन कार्यक्रमकरते चले आ रहे है परन्तु अत्यन्त खेद का विषय है कि निगम प्रबन्धन/शासन द्वारा ऊर्जा कार्मिकों की जायज मांगों के निस्तारण की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उक्त प्रस्तावित आन्दोलन के अगले चरण में उत्तराखण्ड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के समस्त घटक संगठनों के पदाधिकारियों/सदस्यों द्वारा अपने-2 सरकारी मोबाईल/सिम विभाग को वापस प्रेषित किया जाना प्रस्तावित है। उधर कर्मचारियों के रूख के बाद निगम प्रबंधन भी नई रणनीति में जुट गया है। चुनावी वर्ष को देखते हुये सरकार भी कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। जिससे साफ है कि आने वाले दिनों में कर्मचारियों और अधिकारियों की यह एकता निगम प्रबंधनों को भारी पड सकती है।