एक्सक्लूसिव ख़बरः विवादों से घिरे हैं कुलपति के दावेदार, क्या राजभवन लगायेगा नैय्या पार?
देहरादूनः श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में नए कुलपति की नियुक्ति जल्द हो इस को लेकर शासन से लेकर उच्च शिक्षा मंत्रालय जोर-शोर से जुटा था। किसी भी सूरत में विश्वविद्यालय को नियत समय पर नए कुलपति देने की तैयारी थी। इसके लिए पर्दे के पीछे और आगे दोनों ओर रणनीतियां बन और बिगड़ रही थी। कई दावेदारों ने दिल्ली की दौड़ लगाई तो कईयों ने राजधानी में परिक्रमा करना उचित समझा। इस बीच कुलपति पद के लिए शासन द्वारा गठित स्क्रीनिंग कमेटी ने निर्णय लिया और तीन नामों का पैनल राजभवन को भेजा। स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा जो तीन नाम राज्यपाल को भेजे गये, उन तीनों का दामन दागदार बताया जा रहा है। ऐसे में विश्वविद्यालय को कुलपति मिलने से पहले ही विवाद शुरू हो गया है।
क्या विवि को मिलेगा विवादित कुलपति?
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. उदय सिंह रावत इसी महीने सेवानिवृत्त होन वाले हैं। ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि क्या विश्वविद्यालय को डाॅ. रावत जैसा निर्विवाद छवि का कुलपति मिलेगा। आरोप है कि विश्वविद्यालय के कुलपति के लिए जिन तीन लोगों का नाम पैनल में शामिल किया गया है उनका विवादों से गहरा नाता रहा है। ऐसे में अगर राजभवन किसी एक व्यक्ति के नाम पर सहमति देता है तो यह प्रदेश की उच्च शिक्षा के लिए न्यायोचित नहीं होगा। राजनीतिक गलियारों से जिस तरहकी बातें छन कर आ रहा है। उससे साफ होता है कि स्क्रीनिंग कमेटी ने राजनीतिक दबाव में आकर नामों का चयन किया है। इसीलिये कुलपति की नियुक्ति से पहले ही विवाद गहराने लग गया है। शासन स्तर पर भी यह बात उजागर हो चुकी है कि कमेटी ने जो नाम तय किये वह पहले से ही फाइनल थे। वहीं विवादित कुलपति की नियुक्ति को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों ने कमर कस दी है। छात्र संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि अगर विश्वविद्यालय में किसी भी विवादित व्यक्ति की नियुक्ति होती है तो छात्र संगठन नियुक्ति के खिलाफ आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
जुगरान का राज्यपाल को खत
विश्वविद्यालय में नए कुलपति की नियुक्ति के लिए शासन द्वारा गठित स्क्रीनिंग कमेटी ने जिन तीनों नामों की सिफारिश राजभवन के समक्ष रखी है। उन तीनों की पृष्ठ भूमि विवादों से जुडी है। राज्य युवा कल्याण परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रविंद्र जुगरान का कहना है कि अगर विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर विवादित व्यक्ति की नियुक्ति की जाती है तो यह प्रदेश के युवाओं के साथ धोखा है। जुगरान ने बताया कि उन्होंने राज्यपाल को इस संबंध में पत्र लिखा है। जुगरान बताते हैं कि शासन द्वारा जिन नामों को राज्यपाल को भेजा गया है उनमें से एक व्यक्ति विवादित और कम शैक्षिक योग्यता रखता है। जुगरान का कहना है कि यदि राजनीतिक दबाव में किसी भी विवादित व्यक्ति की कुलपति पद नियुक्ति की जाती है तो वह इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करेंगे।
राज भवन में शिकायत
नए कुलपति के लिए स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा पैनल में जिन तीन नामों को शामिल किया गया है। उनके खिलाफ राजभवन में शिकायत दर्ज की गई है। सूत्रों का कहना है कि तीनों ही लोग पूर्व में किसी न किसी विवाद में संलिप्त रहे हैं। जिसका राजभवन द्वारा संज्ञान ले लिया गया है। सूत्रों का कहना है कि नियमानुसार कुलपति की नियुक्ति से पहले नामित व्यक्तियों की राजभवन द्वारा आवश्यक जांच करवाई जाती है। जांच रिपोर्ट के उपरांत ही राज्यपाल द्वारा किसी एक के नाम पर अंतिम फैसला लिया जाता है।