November 26, 2024

एक्सक्लूसिवः ‘दस्तावेज’ की ख़बर पर उत्तराखंड लोक सेवा अधिकरण की मुहर, न्यायालय ने माना यूजेवीएनएल में हुआ फर्जीवाड़ा

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ट्रिब्यूनल के फैसले की कॉपी

देहरादूनः उत्तराखंड जल विद्युत निगम में सिविल इंजीनियरों के प्रमोशन में हुए खेल पर उत्तराखंड लोक सेवा अधिकरण ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है। अधिकरण ने निगम प्रबंधन के इस कारनामे को अनुचित ठहराते हुए तत्काल प्रभाव से अवैध प्रमोशनों को खारिज किया। लोक सेवा अधिकरण ने अरूण तोमर बनाम उत्तराखंड राज्य व अन्य के वाद में यूजेवीएनएल द्वारा जारी सिविल इंजीनियरों की वरिष्ठता सूची को तर्कसंगत न पाते हुए इसे निरस्त कर नियुक्ति प्रक्रिया को ध्यान में रख नई वरिष्ठता सूची बनाने का आदेश दिया। उत्तराखंड लोक सेवा अधिकरण के इस फैसले से साफ हो गया है कि किस तरह यूजेवीएनएल में मनमर्जी का राज कायम है। निगम के आलाधिकारी जब चाहे अपने मनमुताबिक फैसला लेने के लिए आजाद है उनके लिए प्रदेश के कोई नियम कानून मायने नहीं रखते हैं। निगम के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की आपसी सांठगांठ के चलते यूजेवीएनएल भ्रष्टाचार का अड्डा बनकर रह गया है।

‘दस्तावेज’ की ख़बर पर अधिकरण की मुहर

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दस्तवेज द्वारा प्रकाशित ख़बर

प्रदेश भर में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए आपका लोकप्रिय न्यूज पोर्टल ‘दस्तावेज’ हमेशा आगे रहा है। ‘दस्तावेज’ ने जन सरोकार से जुड़ी हर खबर को आम लोगों को तक पहुचाने का काम किया है। अपने पत्रकारिता के दायित्वों का निर्वहन करते हुए आपके लोक प्रिय न्यूज पोर्टल ने यूजेवीएनएल में हुए भ्रष्टाचार की पतरों को उखाड़ कर अपने जागरूक पाठकों के समक्ष रखा। इसी कड़ी में ‘दस्तावेज’ ने हाल ही में ‘यूजेवीएनएल का कारनामा, नियुक्ति अवैध, प्रमोशन पक्का’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की। दस्तावेज ने पुख्ता प्रमाणों के साथ यूजेवीएनएल की करतूतों का पर्दाफाश किया। ‘दस्तावेज’ द्वारा खबर प्रकाशित करने के उपरांत सिविल इंजीनियरों के अवैध प्रमोशन का मामला उत्तराखंड लोक सेवा अदालत में गया। जहां माननीय अदालत ने यूजेवीएनएल द्वारा किये गये प्रमोशन और सिविल इंजीनियरों की वरिष्ठता सूची को खारिज कर डाला। अदालत के इस फैसले नेे ‘दस्तावेज’ की खबर में उठाये गये सवालों पर मुहर लगा दिया।

नई बनेगी वरिष्ठता सूची

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अधिकरण का फैसला

यूजेवीएनएल ने जिस वरिष्ठता सूची को मनमाने तरीके से तैयार किया था। उस वरिष्ठता सूची को उत्तराखंड लोक अदालत में चैलेंज किया गया था। अदालत ने यूजेवीएनएल की अवैध तरीके से बनाई गई वरिष्ठता सूची को तर्कसंगत नहीं पाया। लोक सेवा अदातल ने वरिष्ठता में कई खामियों पाई। जिसके चलते अदालत ने निगम द्वारा तैयार जेष्ठता सूची को खारिज कर डाला। अदालत ने निगम द्वारा तैयार सिविल इंजीनियरों की जेष्ठता सूची पर टिप्पणी करते हुए कहा इस वरिष्ठता सूची के तहत कोई प्रमोशन नहीं होगे और निगम जल्द नियुक्ति की प्रक्रिया को ध्यान में रख नई जेष्ठता सूची तैयार करे।

चहेतों को प्रमोशन देकर प्रबंधक ने की कोर्ट की अवमानना

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कोर्ट की अवमनना: चहेतों को प्रमोशन

यूजेवीएनएल में लंबे समय से सिविल इंजीनियरों के प्रमोशन होने थे। इसके लिए निगम द्वारा बकायदा जेष्ठता सूची को तैयार किया गया। काफी समय से निगम द्वारा तैयार जेष्ठता सूची पर वाद-विवाद रहा। विवाद का कारण ऐसे लोगों को जेष्ठता सूची में शामिल किया गया। जिनकी नियुक्ति ही निगम में अवैध है। इसके खिलाफ जब अन्य सविलि इंजीनियरों ने विरोध किया। जो प्रमोशन का मामला ठंडा पड़ गया और जेष्ठता सूची का विवाद अदालत में पहुंचा। अदालत जेष्ठता सूची पर कोई फैसला देती इससे पहले अचानक निगम प्रबंध निदेशक एस.एन. वर्मा ने अपने तीन चहेतों का प्रमोशन कर डाला। तीन सिविल इंजीनियारों को प्रमोशन देकर प्रबंध निदेशक वर्मा बुरी तरह फंस गये। हितों का टकराव देखते हुए यूजेवीएनएल कर्मचारियों ने जून 2019 में निगम प्रबंधक को प्रत्यावेदन भी सौंपा लेकिन प्रबंधक ने इनकी एक न सुन कर अपने चहेतों को प्रमोट किया। जबकि मामला आदलत में विचाराधीन था। सवाल उठाता है कि आखिर निगम प्रबंधक को ऐसा क्या सूझा कि उन्होंने अदालत के फैसले का इंतजार किये बिना अपने चहेते तीन इंजीनियरों को प्रमोशन दे डाला। क्या निगम के प्रबंधक एस.एन. वर्मा अपने आप को अदालता से बड़ा समझते हैं। इसका जबाव खुद उन्हें देना होगा कि आखिर उन्होंने कानून की किस धारा का प्रयोग कर सिर्फ तीन कर्मचारियों को प्रमोशन दिया वह भी ऐसे जिनकी नियुक्ति ही संदेह के घेरे में है। इतना ही नहीं सूत्रों का तो यह भी कहना है कि लोक सेवा अधिकरण के आदेश के बावजूद भी प्रबंधक निदेशक तीनों इंजीनियरों के प्रमोशन को निरस्त करने से हिचक रहे हैं।

कर्मचारियों ने सौंपा प्रबंधक को प्रत्यावेदन

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कर्मचारियों द्वारा सौंपा गया प्रत्यावेदन

यूजेवीएनएल में अधिकारी और कर्मचारी इस प्रकरण के बाद खास चिंतित है। खास कर वह कर्मचारी जो लंबे समय से अपने प्रमोशन के इंतजार में थे। जेष्ठता सूची में खामियां होने के चलते कई कर्मचारियों ने इसे उत्तराखंड लोक सेवा अधिकरण के समक्ष उठाया। अदालत का फैसला आने के बाद निगम द्वारा की जा रही लेटलतीफी के चलते यूजेवीएनएल के कर्मचारियों ने निगम प्रबंधक को का प्रत्यावेदन सौंपा। जिसमें सभी तथ्यों को उजागर कर नई जेष्ठता सूची बनाने का अनुरोध किया गया है। इसके साथ ही निगम को सौंपे गये प्रत्यावेदन में नई जेष्ठता सूची के आधार पर जल्द प्रमोशन करने का अनुरोध भी कर्मचारियों द्वारा किया गया है। वहीं कर्मचारियों का कहना है कि लोक सेवा अधिकरण का फैसला आने के बाद भी निगम अपने चहेतों को एडजस्ट करने में जुुटा है और नई जेष्ठता सूची में उन्हें किसी भी प्रकार शामिल करने में तुला है। कर्मचारियों का कहना है कि अगर नई जेष्ठता सूची सही प्रक्रिया के तहत जारी नहीं हुई तो वह उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटायेंगे।


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