संसद के बाहर धरने की अनुमति मांगने पर अड़े किसान संगठन
संसद के मॉनसून सत्र के दौरान संसद से सड़क तक संग्राम होना तय माना जा रहा है, क्योंकि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने भी 22 जुलाई से संसद का घेराव करने का ऐलान किया है। संसद के घेराव को लेकर दिल्ली पुलिस और किसान नेताओं के बीच हुई बैठक हुई है, जिसमें दिल्ली पुलिस ने किसानों को प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है।
किसान यूनियनों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से ही विरोध प्रदर्शन करेंगे। हालांकि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से बातचीत के लिए बैठने का आग्रह करते हुए कहा कि सरकार की तरफ से बातचीत के लिए दरवाजे खेले हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस को प्रत्येक प्रदर्शनकारी के बारे में विस्तार से सूचित किया जाएगा, जिसमें एक प्रदर्शनकारी का आधार कार्ड और मोबाइल फोन नंबर भी शामिल है। उन्होंने प्रदर्शन के लिए वैकल्पिक जगह की पेशकश की है और यूनियनों से प्रदर्शनकारियों की संख्या कम करने को कहा है। कक्का ने कहा कि पुलिस के इस अनुरोध को किसान नेताओं ने ठुकरा दिया है।