किसानों का बड़ा ऐलान: 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत, सरकार पर बढ़ा दबाव

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एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए किसान आंदोलन तेज, धार्मिक आयोजन के बाद शुरू होगा अनशन

चंडीगढ़: खनौरी और शंभू बॉर्डर पर 9 महीनों से जारी किसान आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। किसान संगठनों ने केंद्र और राज्य सरकार पर अपनी मांगें मनवाने का दबाव बढ़ाते हुए 26 नवंबर से मरणव्रत शुरू करने का ऐलान किया है।

इससे पहले, किसान संगठनों ने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर खनौरी बॉर्डर पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पाठों का आयोजन किया है, जिसका भोग 17 नवंबर को डाला जाएगा। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि इस धार्मिक आयोजन के जरिए राज्यभर के किसानों को संघर्ष में शामिल होने का संदेश दिया जा रहा है।

मरणव्रत का सिलसिला जारी रहेगा:
डल्लेवाल ने कहा कि एमएसपी की कानूनी गारंटी का मुद्दा अब संसद तक पहुंच चुका है, लेकिन सरकारें इसे लागू करने में नाकाम रही हैं। उन्होंने ऐलान किया कि 26 नवंबर से किसान नेता बारी-बारी से मरणव्रत पर बैठेंगे। यदि इस दौरान किसी किसान नेता की मौत होती है, तो उसके शव को आंदोलन स्थल पर रखा जाएगा और दूसरा नेता मरणव्रत जारी रखेगा। यह प्रक्रिया तब तक चलेगी, जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होतीं।

धार्मिक आयोजन के जरिए एकजुटता का संदेश:
किसान संगठनों ने इस मौके पर सभी किसानों से एकजुट होकर खनौरी बॉर्डर पर पहुंचने की अपील की है। किसान नेता ने कहा कि यह आंदोलन अब किसी भी कीमत पर तब तक समाप्त नहीं होगा, जब तक सरकार एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को पूरा नहीं करती।

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