September 22, 2024

राकेश टिकैत का बड़ा ऐलान, अब 6 फरवरी को दिल्ली-एनसीआर में नहीं होगा चक्का जाम

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को लेकर सियासत तेज है और इस मसले पर सड़क से संसद तक संग्राम हो रहा है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने 6 फरवरी के चक्के जाम को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर के पास ऐसा कुछ नहीं होगा। हालांकि उन्होंने कहा कि किसान अपनी-अपनी जगहों पर सड़क बंद करेंगे और प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे।

राकेश टिकैत ने दिल्ली की सीमाओं पर लगी बैरिकेडिंग और कीलों पर कहा कि हम तो दिल्ली जा ही नहीं रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन निकली ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा की एकबार फिर जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि हमारा किसान किसी पर हमला नहीं कर सकता है। पुलिसवाले हमारे परिवार के ही हैं, लेकिन अगर किसी ने लालकिले आने का ऐलान पहले ही कर दिया तो फिर उसे कैसे आने दिया गया। पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।  

उन्होंने आगे कहा गया कि हम लंबे वक्त से आंदोलन कर रहे हैं, हर कोई कहता है कि संसद जाएंगे लेकिन कोई जाता नहीं है। लालकिले पर जो गया, तो उन्हें कि किसने रास्ता क्यों दिया गया। लालकिले पर धार्मिक झंडा फहराने की साजिश रची गई, ताकि किसान-सिखों को बदनाम किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जबतक कृषि कानून वापस नहीं होता और एमएसपी को कानूनी जामा नहीं पहनाया जाता, किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।

आपको बता दें कि 26 नवंबर से बड़ी तादाद में किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हैं। लेकिन किसान और सरकार के बीच अबतक इस मसले पर अबतक कोई सहमति नहीं बन पाई है। बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित कई बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इस आंदोलन की वजह से दिल्ली की कई सीमाएं सील हैं।

किसानों के आन्दोलन स्थल पर पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। टिकरी बॉर्डर पर सड़क पर बड़ी-बड़ी कील लगाने के बाद प्रशासन ने सिंघु बॉर्डर पर बैरिकेडों को सीमेंट से जोड़ कर मोटी दीवार बना दी है। गाजीपुर बॉर्डर पर भी दिल्ली की तरफ से कंटीली तारें लगा दी गई है। इस घेरेबंदी से स्थानीय आम लोग तो परेशान हो ही रहे हैं, आंदोलन कर रहे किसान भी एतराज जता रहे हैं। किसान संगठन घेरेबंदी में ढील दिए जाने की मांग कर रहे हैं। पुलिस और आंदोलनकारी किसानों में खटास इस कदर बढ़ गई है कि सोमवार को जब पुलिस ने ड्यूटी कर रहे जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए सिंघु बॉर्डर पर देशभक्ति गानें बजाए तो गानों की ऊंची आवाज को लेकर किसानों ने आपत्ति दर्ज कराई।

दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन वाली जगहों पर पुलिस का पहरा लगातार बढ़ रहा है। दूसरी तरफ किसान संगठनों ने 6 फरवरी को देशभर में चक्का जाम का एलान कर दिया है। आंदोलन के समर्थन में 4 फरवरी को दिल्ली के बवाना में महा पंचायत की तैयारी चल रही है। यानी 26 जनवरी के झटके के बाद नए सिरे से आंदोलन तेज की जा रही है।


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