मणिपुर हिंसा: असम राइफल्स के जवानों के खिलाफ FIR का मणिपुर ऑपरेशन पर नहीं होगा असर, सेना की सख्त टिप्पणी

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मणिपुर में पिछले करीब तीन महीने से हिंसा की घटनाओं के चलते कर्फ्यू जैसे हालात हैं. इसी बीच पूरे राज्य को छावनी में तब्दील कर दिया गया, सुरक्षाबलों की कई कंपनियां तैनात की गईं. जिनमें असम राइफल्स भी शामिल है. हालांकि मणिपुर पुलिस और असम राइफल्स के बीच इस दौरान विवाद देखने को मिला, मणिपुर पुलिस ने असम राइफल्स के चार जवानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. आरोप है कि 6 अगस्त को क्वाक्टा शहर में हुई हिंसा के दौरान इन जवानों ने बिष्णुपुर पुलिसकर्मियों के काम में बाधा डालने का काम किया.

मणिपुर में चल रहे ऑपरेशन पर नहीं होगा असर

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस एफआईआर का मणिपुर में चल रहे ऑपरेशन पर किसी भी तरह का कोई असर नहीं पड़ेगा. एफआईआर दर्ज होने के बाद सेना के बड़े पदाधिकारियों की तरफ से ये मैसेज दिया गया था कि हमेशा की तरह बल निष्पक्ष रहेगा और किसी से बिना डरे अपना काम करता रहेगा. सूत्रों ने बताया कि जहां ये घटना हुई, वहां सभी जवानों को कानूनी सुरक्षा मिली हुई थी.

सेना की सख्त टिप्पणी

इस मामले को लेकर सेना ने मणिपुर पुलिस को लेकर सख्त टिप्पणी भी की. एफआईआर दर्ज होने के बाद सेना की तरफ से कहा गया कि कुछ तत्वों कीत रफ से केंद्रीय सुरक्षा बलों खासतौर पर असम राइफल्स की भूमिका और इरादों पर सवाल उठाने की बार-बार कोशिश की गई. जो 3 मई के बाद से ही मणिपुर में लोगों की जिंदगियां बचाने और शांति बहाल करने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं.

मतभेदों को लेकर कही गई ये बात

हालांकि बयान में आगे कहा गया है कि मणिपुर में जमीनी हालात और मुश्किल परिस्थितियों के चलते अलग-अलग सुरक्षा बलों के बीच सामरिक स्तर पर कभी-कभी मतभेद होते हैं. ऐसी गलतफहमियों की वजह से कई बार ऐसी स्थिति बन जाती है. इसका तुरंत समाधान कर लिया गया था. इस बयान में कहा गया कि पिछले 24 घंटे में असम राइफल्स को बदनाम करने के दो मामले सामने आए थे. अधिकारियों ने बताया कि ऐसे कई मामले पिछले दिनों सामने आए हैं, जिनमें अफवाहें फैलाने की कोशिश की गई, इनसे निपटने की कोशिश जारी है.