दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस में लगी आग, बीच जंगल में यात्रियों को बचाया
देहरादून: नई दिल्ली से देहरादून आ रही शताब्दी एक्सप्रेस की एक कोच में शनिवार को हरिद्वार-देहरादून रेलवे ट्रैक पर कांसरो वन रेंज के जंगल में अचानक आग लग गई। ट्रेन में आग लगने से हड़कंप मच गया। लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को जंगल में ही रोक दिया। तत्काल कोच को खाली कराया गया। इसके साथ ही इस कोच को रेलगाड़ी से अलग कर अन्य डिब्बों को सुरक्षित बचा लिया गया है। इस ट्रेन में सवार सभी यात्री सुरक्षित हैं।
घटना शनिवार दोपहर करीब 12:30 बजे की बताई जा रही है। शताब्दी एक्सप्रेस जब राजाजी टाइगर रिजर्व की कंसरो रेंज से होकर गुजर रही थी तभी रेलगाड़ी के C-4 कोच में अचानक आग लग गई। कोच में मौजूद यात्रियों ने इमरजेंसी चेन खींचकर लोको पायलट को सूचना दी। लोको पायलट में तत्काल इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रेलगाड़ी को कंसरो रेंज के नजदीक ही रोक दिया।
रेलगाड़ी के रुकते ही कोच में मौजूद 35 यात्री सामान सहित बाहर निकल आए। ट्रेन में मौजूद स्टाफ ने तुरंत ट्रेन के बीच में जुड़े कोच को काटकर शेष डिब्बों से अलग किया। उस कोच के यात्रियों को आगे की कोच में शिफ्ट कराया गया।
गनीमत रही कि इस बीच किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचा। देखते ही देखते पूरी बोगी आग की लपटों से घिर गई। जिस जगह पर यह हादसा हुआ वहां सिर्फ वन विभाग की चौकी मौजूद है।
सूचना पाकर वन विभाग के कर्मचारी अपने निजी संसाधनों के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने आग बुझाने की कोशिश की, मगर आग इतनी भयानक थी कि कुछ देर में ही पूरा पूरी बोगी जल गई। मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शी व कांसरो वन रेंज के अधिकारी आरपी नौटियाल ने बताया कि किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
घटना के तुरंत बाद रेल लाइन की पावर सप्लाई भी कट गई थी। उन्होंने बताया कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। जिस जगह या हादसा हुआ वह जगह राजाजी टाइगर रिजर्व की सघन वन क्षेत्र में है, जहां सड़क मार्ग से भी पहुंच आसान नहीं है।
इस संबंध में वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि शताब्दी एक्सप्रेस के जिस कोच में आग लगी थी, उसमें सवार सभी 35 यात्री सुरक्षित हैं। सभी यात्रियों को अन्य कोच में शिफ्ट करके देहरादून भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। रेखा शर्मा ने बताया कि देहरादून में कुल 316 यात्री उतरे हैं, जिन्हें रेलवे कर्मचारियों द्वारा स्टेशन पर सभी सहायता प्रदान की गई है।